नशापान व तेज रफ्तार ले रही युवकों की जान
दिसंबर माह में 10 तारीख तक घटी घटनाओं पर नजर डालें, तो 20 लोगों की हो चुकी है मौत
गुमला.
दिसंबर माह चल रहा है, यानि गुजरता साल. युवाओं के नजरिये से मौज-मस्ती का महीना है. युवा सोचते हैं कि गुजरे पल नहीं लौट कर नहीं आयेंगे. इसलिए वे इसे अपने तरीके से जीना चाहते हैं. इस चाहत व मौज मस्ती में युवाओं की जान जा रही है. अभी हाल के दिनों में जिस प्रकार सड़क हादसे हुए हैं. यह कहीं न कहीं नशापान व युवाओं का बाइक की रफ्तार का क्रेज है. फ्राई चिकन और शराब की पार्टी के बाद युवक सड़कों पर बाइक को हवा से बात करा रहे हैं. बाइक की रफ्तार व सड़कों पर जिस प्रकार बाइक से करतब दिखाया जा रहा है. हर दिन एक-दो या उससे अधिक युवकों की जान जा रही है. बसिया प्रखंड की हम बात करेंगे. यहां भीषण हादसा हुआ था, जिसमें चार युवकों की जान चली गयी थी. सिमडेगा से शादी समारोह में खाना पीना करने के बाद रांची लौट रहे थे. परंतु कार की रफ्तार अधिक होने के कारण सड़क पर खड़ी ट्रक से जा टकरायी, जिससे चार युवकों की जान चली गयी. दो दिसंबर को चैनपुर के नवाटोली मोड़ के समीप बाइक की रफ्तार अधिक होने के कारण दो युवक सड़क पर फेंका गये, जिसमें एक युवक की मौत हो गयी थी. दो दिसंबर को ही रायडीह के परसा के समीप बाइक सवार तीन युवक सड़क पर तेज रफ्तार के कारण फेंका गये, जिससे एक युवक की जान चली गयी थी. तीन दिसंबर को भरनो के डाड़केशा के समीप बाइक से गिरने से युवक की मौत हो गयी थी. छह दिसंबर को कामडारा के अरहरा मोड़ के समीप अधिक रफ्तार होने के कारण बुलेट पेड़ से टकरा गया, जिससे एक युवक की मौत हो गयी थी. वहीं छह दिसंबर को ही डुमरी थाना के नवाडीह पंचायत के बिर्री पेट्रोल पंप के समीप दो बाइक की भिड़ंत में दो युवकों की मौत हो गयी थी व तीन लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे. ये सड़क हादसे सिर्फ यह बताने के है कि किस प्रकार रफ्तार व नशा के कारण हादसे हो रहे हैं और बेवजह में युवकों को अपनी जान गंवानी पड़ रही है. अगर हम 10 दिसंबर तक की घटनाओं पर नजर डाले, तो अब तक 20 लोगों की मौत हो चुकी है. यानि हर दिन दो लोगों की मौत का आंकड़ा है. हालांकि इन हादसों के पीछे कहीं न कहीं प्रशासन को भी जिम्मेवारी तय करनी होगी. क्योंकि प्रशासन सिर्फ जुर्माना वसूलने के लिए वाहन जांच करती है. कभी भी गाड़ी की रफ्तार व शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों पर कार्रवाई नहीं की है. सबसे अचंभित करने वाली बात यह है कि पुलिस अक्सर शहर के अंदर वाहन जांच करती है. कभी भी शहर से हट कर जहां अधिक सड़क हादसे होते हैं. वहां कभी वाहन जांच नहीं करती. शहर में वाहन जांच करने से जहां आमलोगों को आवागमन करने में परेशानी होती है. वहीं कई बार माहौल बिगड़ने जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है. इसके बाद भी प्रशासन शहर से बाहर निकल कर कभी वाहन जांच नहीं करती. प्रशासन को शहर से चार से पांच किमी की दूरी पर वाहन जांच करें, जिससे तेज रफ्तार चलने वाले युवकों को पकड़ा जा सके. क्योंकि अक्सर युवक खाली रोड में शराब पीकर तेज रफ्तार से चलते हैं. ऐसे भी लोगों ने कई बार प्रशासन से मांग की है कि शराब पीकर व तेज रफ्तार से गाड़ी चलाने वालों पर कार्रवाई हो.गुमला.
दिसंबर माह चल रहा है, यानि गुजरता साल. युवाओं के नजरिये से मौज-मस्ती का महीना है. युवा सोचते हैं कि गुजरे पल नहीं लौट कर नहीं आयेंगे. इसलिए वे इसे अपने तरीके से जीना चाहते हैं. इस चाहत व मौज मस्ती में युवाओं की जान जा रही है. अभी हाल के दिनों में जिस प्रकार सड़क हादसे हुए हैं. यह कहीं न कहीं नशापान व युवाओं का बाइक की रफ्तार का क्रेज है. फ्राई चिकन और शराब की पार्टी के बाद युवक सड़कों पर बाइक को हवा से बात करा रहे हैं. बाइक की रफ्तार व सड़कों पर जिस प्रकार बाइक से करतब दिखाया जा रहा है. हर दिन एक-दो या उससे अधिक युवकों की जान जा रही है. बसिया प्रखंड की हम बात करेंगे. यहां भीषण हादसा हुआ था, जिसमें चार युवकों की जान चली गयी थी. सिमडेगा से शादी समारोह में खाना पीना करने के बाद रांची लौट रहे थे. परंतु कार की रफ्तार अधिक होने के कारण सड़क पर खड़ी ट्रक से जा टकरायी, जिससे चार युवकों की जान चली गयी. दो दिसंबर को चैनपुर के नवाटोली मोड़ के समीप बाइक की रफ्तार अधिक होने के कारण दो युवक सड़क पर फेंका गये, जिसमें एक युवक की मौत हो गयी थी. दो दिसंबर को ही रायडीह के परसा के समीप बाइक सवार तीन युवक सड़क पर तेज रफ्तार के कारण फेंका गये, जिससे एक युवक की जान चली गयी थी. तीन दिसंबर को भरनो के डाड़केशा के समीप बाइक से गिरने से युवक की मौत हो गयी थी. छह दिसंबर को कामडारा के अरहरा मोड़ के समीप अधिक रफ्तार होने के कारण बुलेट पेड़ से टकरा गया, जिससे एक युवक की मौत हो गयी थी. वहीं छह दिसंबर को ही डुमरी थाना के नवाडीह पंचायत के बिर्री पेट्रोल पंप के समीप दो बाइक की भिड़ंत में दो युवकों की मौत हो गयी थी व तीन लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे. ये सड़क हादसे सिर्फ यह बताने के है कि किस प्रकार रफ्तार व नशा के कारण हादसे हो रहे हैं और बेवजह में युवकों को अपनी जान गंवानी पड़ रही है. अगर हम 10 दिसंबर तक की घटनाओं पर नजर डाले, तो अब तक 20 लोगों की मौत हो चुकी है. यानि हर दिन दो लोगों की मौत का आंकड़ा है. हालांकि इन हादसों के पीछे कहीं न कहीं प्रशासन को भी जिम्मेवारी तय करनी होगी. क्योंकि प्रशासन सिर्फ जुर्माना वसूलने के लिए वाहन जांच करती है. कभी भी गाड़ी की रफ्तार व शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों पर कार्रवाई नहीं की है. सबसे अचंभित करने वाली बात यह है कि पुलिस अक्सर शहर के अंदर वाहन जांच करती है. कभी भी शहर से हट कर जहां अधिक सड़क हादसे होते हैं. वहां कभी वाहन जांच नहीं करती. शहर में वाहन जांच करने से जहां आमलोगों को आवागमन करने में परेशानी होती है. वहीं कई बार माहौल बिगड़ने जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है. इसके बाद भी प्रशासन शहर से बाहर निकल कर कभी वाहन जांच नहीं करती. प्रशासन को शहर से चार से पांच किमी की दूरी पर वाहन जांच करें, जिससे तेज रफ्तार चलने वाले युवकों को पकड़ा जा सके. क्योंकि अक्सर युवक खाली रोड में शराब पीकर तेज रफ्तार से चलते हैं. ऐसे भी लोगों ने कई बार प्रशासन से मांग की है कि शराब पीकर व तेज रफ्तार से गाड़ी चलाने वालों पर कार्रवाई हो.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है