13 मजदूरों का 10 लाख रुपये बकाया
गुमला की लाइफ लाइन बाइपास सड़क 20 सालों से गुमला के लिए मुख्य मुद्दा व सुर्खियों में रहा है. आज तक सड़क अधूरी है.
ठेकेदार को भुगतान करने का निर्देश
मामला : बाइपास सड़क निर्माण का
जगरनाथ पासवान, गुमलागुमला की लाइफ लाइन बाइपास सड़क 20 सालों से गुमला के लिए मुख्य मुद्दा व सुर्खियों में रहा है. आज तक सड़क अधूरी है. सड़क पूरा नहीं बनाने के कारण एनएच विभाग ने ठेकेदार को टर्मिनेट कर दिया है. परंतु, अभी नया मामला पुन: सामने आया है. ठेकेदार मेसर्स संजय अग्रवाल ने बाइपास सड़क बनाने वाले मजदूरों का पैसा भुगतान अब तक नहीं किया है. करीब 13 मजदूरों को 10 लाख रुपये ठेकेदार का पास बकाया है. मजदूरों से इसकी लिखित शिकायत मिलने के बाद श्रम विभाग गुमला ने इसे गंभीरता से लिया है. श्रम अधीक्षक गुमला में ठेकेदार मेसर्स संजय अग्रवाल व एनएच विभाग गुमला के कार्यपालक अभियंता को पत्र लिखकर सभी मजदूरों का बकाया मजदूरी भुगतान करने का निर्देश दिया. श्रम अधीक्षक ने जारी पत्र में कहा है कि 13 मजदूरों का नौ लाख 70 हजार रुपये बकाया है. किसी का चार, तो किसी का पांच, छह व सात माह से मजदूरी बकाया है. श्रम विभाग ने ठेकेदार व विभाग को यह भी कहा है कि मजदूरों का मजदूरी के अलावा अलग से क्षतिपूर्ति राशि भी मजदूरों को दी जाये. प्रति मजदूर को तीन हजार रुपये क्षतिपूर्ति देने का निर्देश जारी किया गया है. श्रम अधीक्षक ने अपने पत्र में कहा है कि मजदूरों से काम कराने के बाद भी मजदूरी भुगतान नहीं किया गया है. इसकी जांच के बाद पता चला कि 13 मजदूरों का नौ लाख 70 हजार रुपये बकाया है. जबकि क्षतिपूर्ति 39 हजार रुपये देने का निर्देश दिया गया है. इस संबंध में मजदूर संघ सीएफटीयूआइ के प्रदेश सचिव जुम्मन खान ने कहा है कि ठेकेदार मेसर्स संजय अग्रवाल ने जैसे तैसे बाइपास सड़क बनवायी. अभी तक सड़क अधूरी है. ऊपर से मजदूरों का मजदूरी भुगतान भी रोक दिया. इसकी लिखित शिकायत प्रशासन से करने के बाद श्रम अधीक्षक ने ठेकेदार को नोटिस भेजकर मजदूरों का बकाया मजदूरी देने का निर्देश जारी किया है.
किस मजदूर का कितना पैसा बकाया है
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