झारखंड में दुर्गापूजा को लेकर आयी गाइडलाइन, पंडाल में शर्तों के साथ एंट्री, दूसरी बार नहीं लगेगा मेला

झारखंड की हेमंत सरकार ने दुर्गापूजा को लेकर गाइडलाइन जारी किया है. इसके तहत पंडाल में शर्तों के साथ श्रद्धालुओं की अनुमति मिली है, वहीं मेले और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने पर भी मनाही है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 15, 2021 6:11 PM
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Durga puja Guidelines 2021 in jharkhand (रांची) : कोरोना संक्रमितों की संख्या में कमी की देखते हुए हेमंत सरकार ने दुर्गापूजा को लेकर गाइडलाइन जारी किया है. इस गाइडलाइन के तहत जहां पंडाल बनेंगे, लेकिन श्रद्धालुओं की एंट्री शर्तों के आधार पर हाेगी. वहीं, दूसरी बार भी मेले का आयोजन नहीं होगा.

मंगलवार को सीएम हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में आपदा प्रबंधन प्राधिकार की बैठक हुई. इस बैठक में दुर्गा पूजा को लेकर जहां गाइडलाइन जारी किया गया, वहीं शर्तों के साथ धार्मिक स्थलों को खोलने और कक्षा 6 से 8 तक के स्कूलों को भी खोलने की सहमति दी गयी.

इधर, दुर्गापूजा गाइडलाइन के तहत किसी थीम पर पंडाल बनाने की मनाही है. वहीं, पंडाल में एक समय में 25 से अधिक श्रद्धालुओं की इंट्री पर रोक रहेगी. पूजा कमेटी को यह देखना होगा कि एक समय में 25 से अधिक श्रद्धालु पंडाल में इकट्ठा ना हो पाये.

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इसके अलावा पूजा कमेटी कोई तोरण या स्वागत द्वार नहीं बनायेगा. वहीं, मूर्ति की ऊंचाई अधिकतम 5 फीट रखना अनिवार्य किया गया है. पंडाल तीन तरफ से घेरा जायेगा. पंडाल में 18 साल से कम बच्चों के प्रवेश पर इंट्री बैन है. पूजा के दौरान प्रसाद वितरण पर रोक लगायी है.

पूजा के दौरान कोई मेले का आयोजन नहीं होगा. कोरोना संक्रमण के कारण पिछले साल भी दुर्गापूजा में मेले का आयोजन नहीं हुआ था. इस बार भी पूजा पंडाल के आसपास खाने-पीने की कोई दुकान या ठेला लगाने पर रोक लगायी गयी है.

पूजा के दौरान आवश्यक रोशनी को छोड़ अन्य आकर्षक रोशनी पंडाल या आसपास के क्षेत्र में लगाने पर रोक लगायी गयी है. वहीं, सांस्कृतिक कार्यक्रम जैसे- गरबा, डांडिया आदि पर रोक लगायी गयी है. पूजा पंडाल में ढाक की भी अनुमति नहीं दी गयी है.

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मूर्ति विसर्जन के लिए जिला प्रशासन की ओर से चिह्नित स्थान पर ही विसर्जन करने की अनुमति दी गयी है. इसके लिए पूजा कमेटी जिला प्रशासन से संपर्क कर अपने क्षेत्र के विसर्जन स्थल की जानकारी प्राप्त कर लेंगे. इसी के आधार पर ही चिह्नित स्थान पर मूर्ति विसर्जित किये जायेंगे.

Posted By : Samir Ranjan.

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