चितरपुर में स्कूली बच्चों के घर- घर पहुंचायी जा रही किताबें, शिक्षा से जोड़ने का हो रहा प्रयास

Jharkhand news, Ramgarh news : रामगढ़ जिला अंतर्गत चितरपुर की नूर सोशल एवं एजुकेशन सोसाइटी के स्कूलासियम संस्था ने एक अनूठी पहल शुरू की है. लाइब्रेरी आप के घर कार्यक्रम के तहत स्कूलों बच्चों तक घर-घर जाकर किताब पहुंचाया जा रहा है. इससे सरकारी स्कूली बच्चों को शिक्षा से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 16, 2020 5:50 PM
an image

Jharkhand news, Ramgarh news : चितरपुर (रामगढ़) : रामगढ़ जिला अंतर्गत चितरपुर की नूर सोशल एवं एजुकेशन सोसाइटी के स्कूलासियम संस्था ने एक अनूठी पहल शुरू की है. लाइब्रेरी आप के घर कार्यक्रम के तहत स्कूलों बच्चों तक घर-घर जाकर किताब पहुंचाया जा रहा है. इससे सरकारी स्कूली बच्चों को शिक्षा से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है.

जानकारी के अनुसार, कोरोना संक्रमण के कारण विद्यालय बंद पड़े हैं. छात्रों का दिनचर्या पूरी तरह से बदल गयी है. सबसे ज्यादा प्रभावित बच्चों की शिक्षा हुई है. इस कारण इनके मानसिक एवं व्यावहारिक स्थिति के साथ-साथ पठन- पाठन भी बुरी तरह से प्रभावित हुई है. इसे देखते हुए संस्था के द्वारा घर-घर जाकर छात्रों तक किताब पहुंचाया जा रहा है, ताकि छात्रों का पठन-पाठन बाधित न हो और इनका पढ़ाई में मन लगा रहे.

इस कार्यक्रम के तहत चितरपुर के अलावा गुमला जिला के सरकारी स्कूल के बच्चों को भी रेगुलर बेसिस पर आनंददायक पुस्तकें, जिसमें बच्चों को कहानियों की किताबों के अलावा कविताएं, कार्टून, फिक्शन तथा नॉन फिक्शन की किताबें दी जा रही हैं. कहानियों की किताबें बच्चों के हाथ आते ही उनके चेहरे खिल रहे हैं. इस कार्य में सरकारी शिक्षक एवं स्थानीय वॉलेंटियर द्वारा बच्चों तक किताब पहुंचाया जा रहा है.

Also Read: झारखंड में हर 10 हजार की आबादी पर खुलेगा प्लस टू हाई स्कूल

इस कार्य पर क्षेत्र के कई अभिभावकों ने कहा है कि इस कठिन परिस्थिति में भी बच्चों को किताबें मिल रही है, यह देख कर बहुत खुशी होती है. संस्था के निदेशक साजिद हुसैन ने बताया कि यह कार्यक्रम बहुत सरल एवं प्रभावी है. स्कूल के पुस्तकालय के पुस्तकों को बच्चों तक पहुंचाया जा रहा है.

इसके लिए गुमला जिला डीसी शिशिर रंजन एवं जिला शिक्षा अधिकारी और शिक्षा विभाग, गुमला तथा सभी सरकारी स्कूलों के प्रधानाध्यापक एवं शिक्षकों का योगदान भी सराहनीय है. इस कार्यक्रम को सफल बनाने में इरशाद अहमद, मो युसूफ, कफील अहमद, जितेंद्र कुमार एवं स्कूलासियम टीम के सदस्यों का योगदान है.

Posted By : Samir Ranjan.

Exit mobile version