14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

हाथी-पैर नि:शक्त, भीख मांग कर जिंदा है 70 वर्षीय गजेंद्र, पेंशन का भी नहीं मिल रहा है लाभ

दोनों हाथ व पैर से नि:शक्त 70 वर्षीय गजेंद्र सिंह का अब तक विकलांग सर्टिफिकेट नहीं बना है. जिससे वह विकलांग पेंशन से वंचित है.

घाघरा : दोनों हाथ व पैर से नि:शक्त 70 वर्षीय गजेंद्र सिंह का अब तक विकलांग सर्टिफिकेट नहीं बना है. जिससे वह विकलांग पेंशन से वंचित है. जिंदा रहने के लिए गजेंद्र गुमला की शहरों में घूम-घूमकर भीख मांगता है. भीख में जो कुछ मदद मिल जाती है. उसी से घर का चूल्हा जलता है. गजेंद्र की बेबसी भीख मांगने तक ही सीमित नहीं है.

वह हर दिन 25 किमी की दूरी तय कर घाघरा प्रखंड के अरंगी गांव से गुमला शहर भीख मांगने आता है. चूंकि घाघरा छोटा बाजार है. गजेंद्र को ज्यादा मदद नहीं मिल पाती. इसलिए वह गुमला आ जाता है. गजेंद्र का विकलांग प्रमाण पत्र नहीं बनने के पीछे आधार कार्ड के नियम का पेंच है. बीमारी के कारण गजेंद्र को अपनी अंगुली कटवानी पड़ी. अब अंगुली नहीं है तो उसका आधार कार्ड नहीं बन रहा. जिससे वह सरकारी लाभ से वंचित है.

बीमारी से हाथ व पैर की अंगुली काटनी पड़ी :

गजेंद्र ने बताया कि 15 वर्ष पहले बीमारी के कारण उसका हाथ और पैर खराब हो गया. जिस कारण उसे अपना हाथ और पैर की उंगली कटवानी पड़ी. जिसके बाद से वह भीख मांगकर अपना व अपनी वृद्ध पत्नी की जीविका चला रहा है. गजेंद्र ने बताया कि उसे सरकारी सुविधा के नाम पर राशन के अलावा कुछ नहीं मिल रहा है. वह पेंशन की आस में विकलांग सर्टिफिकेट बनवाने के लिये कई बार ब्लॉक का चक्कर लगाया. परंतु, उसका आधार कार्ड नहीं बन पाया. जिस कारण उसे किसी प्रकार की सुविधा नहीं मिल पा रही है.

मुखिया ने कहा :

घाघरा प्रखंड के अरंगी पंचायत की मुखिया मंगलमुनी उरांव ने कहा कि आधार कार्ड का नियम शुरू होने से पहले इनको विकलांग पेंशन मिलती थी. परंतु आधार आने के बाद से इनका पेंशन बंद है. मैंने काफी प्रयास किया. परंतु नहीं बन पाया. चूंकि अंगुली कट गयी है. इस कारण आधार कार्ड नहीं बन पा रहा है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें