घोषणा के बाद भी शहीद संतोष गोप को नौकरी और “10 लाख नहीं मिला

जम्मू कश्मीर के भारत-पाक बॉर्डर में एक साल पहले शहीद हुए संतोष गोप के परिवार को अभी तक झारखंड सरकार से किसी प्रकार की सुविधा नहीं मिली

By Prabhat Khabar News Desk | October 11, 2020 1:41 AM

गुमला : जम्मू कश्मीर के भारत-पाक बॉर्डर में एक साल पहले शहीद हुए संतोष गोप के परिवार को अभी तक झारखंड सरकार से किसी प्रकार की सुविधा नहीं मिली है. आज भी शहीद का परिवार उपेक्षित है. 12 अक्तूबर 2020 को शहीद संतोष की प्रथम पुण्यतिथि है. शहीद का गांव बसिया प्रखंड के टेंगरा गांव है. संतोष के शहीद होने के बाद झारखंड सरकार ने मदद की घोषणा की थी.

लेकिन अभी तक मदद नहीं मिली, जबकि संतोष के शहीद हुए 12 अक्तूबर को एक साल हो जायेगा. सरकार तो दूर गुमला प्रशासन से जो मदद मिलनी थी, वह मदद भी नहीं मिली. जिससे शहीद के पिता जीतू गोप मदद के लिए भटक रहे हैं. परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने, 10 लाख रुपये नकद, जमीन व शहीद की प्रतिमा स्थापित करने की घोषणा की गयी थी.

लेकिन ये सभी घोषणाएं अभी तक अधूरी है. शहीद के पिता जीतू गोप ने कहा कि मेरा बेटा देश के लिए कुर्बान हुआ. परंतु सरकार व प्रशासन परिवार व गांव से मुंह मोड़े हुए है.

मां सारो देवी ने कहा कि मेरे बेटे की कुर्बानी का यह सिला है कि शहीद का परिवार दुखों में जी रहा है. शहीद के बड़े भाई नीलांबर गोप के ऊपर घर का बोझ है. दो एकड़ 37 डिसमिल खेत है. खेत में फसल उगाते हैं. उसी फसल को बेच कर घर का चौका-चूल्हा जल रहा है. भाई ने टेंगरा को शहीद आदर्श गांव के रूप में विकसित करने की मांग की है.

posted by : sameer oraon

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