पालकोट प्रखंड के उमड़ा केराटोली गांव के कुछ लोगों को उत्पाद विभाग के कर्मियों द्वारा मारपीट करने का मामला प्रकाश में आया है. ग्रामीण मंजू देवी ने कहा कि बुधवार की सुबह सात बजे आधी पुलिस ड्रेस व आधे सफेदपोश लोग मेरे घर आये. उस समय हम खेतों में काम करने के लिए जा रहे थे. हमें रोका व हमारे घर तरफ चलने को कहा. इस दौरान हमने कहा कि हम शराब नहीं बनाते हैं.
हमने शराब बनाना बंद कर दिया है, तभी उत्पाद विभाग के लोग मेरे ऊपर हमला कर दिये और मारपीट करने लगे और बोले कि चलो गाड़ी में बैठो. जब मैंने इनकार किया, तो मेरे साथ बदसलूकी करते हुए मारपीट करने लगे. इसके बाद मेरी 18 साल की बेटी पूनम व 14 साल का बेटा दीपू को मारपीट करने लगे. मेरा दूसरा बेटा प्रकाश पढ़ाई करने पालकोट जा रहा था. उसे उत्पाद विभाग के लोग उठा कर गुमला ले गये.
इसके अलावा गांव के सुकरू साहू, झरिया साहू, गंदूर साहू, कुंवर साहू, अंगनी देवी आदि लोगों के साथ उत्पाद विभाग के कर्मियों पर बदसलूकी करते हुए मारपीट करने का आरोप लगाया गया है. इस मामले को लेकर ग्रामीणों ने बैठक कर कहा कि गांव में आये दिन उत्पाद विभाग छापेमारी करता है और गांव वालों को उठा कर गुमला ले जाता है. इसके बाद 50-50 हजार रुपये देने के बाद छोड़ दिया जाता है. वे लोग अवैध शराब के नाम पर छापेमारी करने आते हैं और घर में रख कीमती सामान उठा कर ले जाते हैं.
आज जो छापेमारी की गयी, उसमें एक बूंद महुआ दारू नहीं मिला. सिर्फ डरा-धमका कर गांव के भोले-भाले लोगों को उठा कर गुमला लेकर रुपये वसूलने उत्पाद विभाग का काम है. यहां तक कि गांव के दिव्यांग लोगों को भी परेशान करते हैं. इधर पंचायत के मुखिया नरेश पहान का कहना है कि उत्पाद विभाग के लोगों द्वारा केराटोली गांव आकर ग्रामीणों के साथ बेवजह महुआ शराब बनाने का आरोप लगाते है. मेरी पंचायत के लोग खेतीबारी का काम करते हैं. किसी प्रकार का कोई अवैध शराब खाना नहीं चलाते हैं. इधर ग्रामीणों ने बैठक कर उत्पाद विभाग के खिलाफ पालकोट थाना में लिखित आवेदन देते कार्रवाई करने की मांग की है.