Corona Crisis: रांची : कोरोना संकट के बीच लॉकडाउन (Coronavirus Lockdown) में सरकार ने कुछ रियायतें दीं. वाहनों को चलाने की अनुमति दे दी. उसके लिए गाइडलाइंस (Corona Crisis Guidelines) भी बना दी. आम लोगों पर किराये का बोझ दोगुना कर दिया. बावजूद इसके छोटे वाहन चलाने वाले भर-भर कर यात्रियों को ले जा रहे हैं. जीप में अंदर सीट फुल हो जा रही है, तो छत पर लोगों को बैठाया जा रहा है. पीछे लटककर यात्रा करने की भी खुली छूट है.
मामला सुदूरवर्ती जिला गढ़वा का हो या उग्रवाद प्रभावित जिला गुमला का. हर जगह एक ही स्थिति है. सरकार का स्पष्ट निर्देश है कि डबल किराया लेकर छोटे ऑटो में सिर्फ दो यात्री को ले जाना है. बड़े वाहनों में भी सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करते हुए ही सवारी बैठाना है. लेकिन तस्वीरें बताती हैं कि झारखंड के अलग-अलग जिलों में स्थिति बिल्कुल समान है.
वाहन की क्षमता से कम यात्रियों को बैठने के आदेश की धज्जियां उड़ाते हुए वाहन मालिक और ड्राइवर अपने ऑटो, टेंपो या कमांडर जीप को ओवरलोड करके चला रहे हैं. यात्रियों से किराया दोगुना ही वसूल रहे हैं. ऐसे में ये सरकार के आदेश की अवहेलना कर ही रहे हैं, यात्रियों से ज्यादा पैसे भी ऐंठ रहे हैं और उनकी सेहत से भी खिलवाड़ कर रहे हैं. स्थानीय प्रशासन भी इस ओर बिल्कुल ध्यान नहीं दे रहा.
Also Read: IRCTC/Indian Railways News: दुर्गा पूजा 2020 से पहले पूर्व रेलवे ने भी दी नयी ट्रेनों की सौगात, झारखंड, बिहार और बंगाल के लोगों को होगा फायदागुमला जिला के पालकोट प्रखंड में लाॅकडाउन का किस तरह से धज्जियां उड़ायी जा रही हैं, उसकी जीती-जागती तस्वीरें हर दिन दिख जाती हैं. यहां तो ऑटो चालक की सीट पर भी लोगों को बैठाया जा रहा है और उनसे दोगुना किराया वसूला जा रहा है. सरकार का कहना है कि आॅटो में सिर्फ दो लोग बैठेंगे, जबकि इन जगहों पर भेड़-बकरियों की तरह सवारी लोड किये जा रहे हैं.
गुमला जिला के ही भरनो प्रखंड में भी ऑटो चालकों की मनमानी साफ देखी जा सकती है. लाॅकडाउन और कोरोना काल में जारी सरकार के गाइडलाइंस का कोई पालन नहीं कर रहा. सोशल डिस्टैंसिंग का पालन तो दूर, ये लोग तो मास्क का भी प्रयोग नहीं करते.
गढ़वा जिला के चिनिया प्रखंड में कमांडर जीप चलाने वालों की तो इन दिनों चांदी हो गयी है. सरकार ने बस, टैक्सी, ऑटो का किराया दोगुना कर दिया है, उसका आनंद तो ये ले रहे हैं, लेकिन उसी सरकार के दिशा-निर्देशों का खुलकर उल्लंघन कर रहे हैं. इनकी नकेल कसने वाला भी कोई नहीं है. यहां तक कि जिला या प्रखंड के जिम्मेदारी अधिकारी कभी इसकी जांच भी नहीं करते कि वाहन मालिक सरकारी नियमों का पालन कर रहे हैं या नहीं.
Also Read: झारखंड के 90% बच्चों को नहीं मिलता पोषक आहार, 3.3 करोड़ में 1.3 करोड़ लोग गरीब, कैसे खत्म हो पीढ़ियों से चला आ रहा कुपोषण?यहां बताना प्रासंगिक होगा कि व्यावसायिक यात्री वाहनों के लिए सरकार ने बाकायदा गाइडलाइन जारी कर रखी है. यात्री किराया को दोगुना करने की अनुमति दे दी. चालाकों से कहा गया कि वे कोविड-19 की रोकथाम के लिए जारी दिशा-निर्देशों का पालन करेंगे. वाहनों को सैनिटाइज करेंगे. सरकार के इन तमाम आदेशों को ताक पर रखकर वाहन मालिक और चालक अपनी मनमानी कर रहे हैं.
Posted By : Mithilesh Jha