गुमला के सिसई में बारिश नहीं होने से किसान चिंतित, खेती-बारी हो रही प्रभावित
किसान खेतों की जुताई, खरपतवार, निकाई व मेढ़ बना कर रोपाई के लिए पानी का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन अब अचानक मानसून सुस्त पड़ गया है. बादलों में रोज काली घटाएं घिरती है.
सिसई प्रखंड में माॅनसून के शिथिल पड़ने से किसान चिंतित हैं. बारिश की स्थिति अच्छी नहीं होने से इसका प्रभाव खेती में पड़ रहा है. आद्रा नक्षत्र चढ़ते समय के माॅनसून की बारिश से किसानों ने सभी तरह की भदाई फसल के बिचड़े की बुआई करने के साथ ही धान के बिचड़े लगा दिये थे, किंतु धान बीज को पर्याप्त पानी नहीं मिलने से बिचड़ों का जेनरेशन भी ठीक से नहीं हो पाया.
किसान खेतों की जुताई, खरपतवार, निकाई व मेढ़ बना कर रोपाई के लिए पानी का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन अब अचानक मानसून सुस्त पड़ गया है. बादलों में रोज काली घटाएं घिरती है. हल्की बारिश के बाद कड़कड़ाती धूप निकल आती है, जिससे धान की बुआई, तो दूर बिचड़ा को जिंदा रखने के लिए किसानों को जद्दोजहद करनी पड़ रही है. कुछ किसान बूढ़े हो रहे बिचड़ों को पटवन कर रोपाई करने की जुगत भिड़ा रहे हैं, किंतु बारिश नहीं होने से कुआं, आहार तालाब समेत बरसाती नालों में भी पानी नहीं है. मानसून की इस बेरुखी से पिछले साल जैसी सूखे की स्थिति बन रही है.
प्रखंड में बारिश की स्थिति:
प्रखंड कृषि विभाग के जुलाई माह के आंकड़ों के अनुसार प्रखंड में महीने की 1, 2, 3, 6, 10, 11, 13, 14, 15, 19 व 20 तारीख को बारिश नहीं हुई है. वहीं चार जुलाई को एक एमएम, पांच जुलाई को 2.6 एमएम, सात जुलाई को 6.4 एमएम, आठ जुलाई को 5.2 एमएम, नौ जुलाई को 6.4 एमएम, 12 जुलाई को 2.6 एमएम, 16 जुलाई को 6.4 एमएम, 17 जुलाई को 8.2 एमएम, 18 जुलाई को 4.2 एमएम, 21 जुलाई को 3.2 एमएम व 22 जुलाई को 4.4 एमएम बारिश हुई है.