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नक्सलियों के डर से झारखंड में नहीं लग रहा मोबाइल टावर, ऑनलाइन पढ़ाई के लिए नेटवर्क को तरस रहे बच्चे

Jharkhand Naxal News, गुमला न्यूज (दुर्जय पासवान) : टू-जी, थ्री-जी फिर फोर-जी का जमाना आ गया. हर हाथ में मोबाइल है, लेकिन गुमला जिले के कई ऐसे गांव हैं, जहां नक्सलियों के कारण मोबाइल टावर नहीं लगने से नेटवर्क नहीं है. चैनपुर प्रखंड के कुरुमगढ़ थाना क्षेत्र के बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 25, 2021 1:59 PM

Jharkhand Naxal News, गुमला न्यूज (दुर्जय पासवान) : टू-जी, थ्री-जी फिर फोर-जी का जमाना आ गया. हर हाथ में मोबाइल है, लेकिन गुमला जिले के कई ऐसे गांव हैं, जहां नक्सलियों के कारण मोबाइल टावर नहीं लगने से नेटवर्क नहीं है. चैनपुर प्रखंड के कुरुमगढ़ थाना क्षेत्र के बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं.

चैनपुर प्रखंड के कुरुमगढ़ थाना क्षेत्र का इलाका है. इनमें सबसे प्रभावित बारडीह व बामदा पंचायत है. इस क्षेत्र के करीब 50 गांव है. जहां मोबाइल नेटवर्क नहीं है. इसका मुख्य कारण मोबाइल टावर नहीं लगना है. यह पूरा इलाका नक्सल प्रभावित है. इस कारण मोबाइल टावर की स्थापना करने में कंपनी के लोग डर रहे हैं, जबकि भारत को आजाद हुए 75 वर्ष होने जा रहा है. आजाद भारत में भी मोबाइल का नेटवर्क नहीं होने से व्यवस्था पर सवाल खड़ा हो रहा है. ग्रामीण 75 सालों से मोबाइल टावर के इंतजार में हैं. इस क्षेत्र के ग्रामीण कहते हैं. हमारे गांव पधारिये. पता चलेगा कि हाईटेक युग क्या होता है. सब झूठे वादे हैं. 75 साल में एक मोबाइल टावर सरकार नहीं लगवा पायी है.

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अभी तत्काल की बात करें तो 16 महीने से स्कूल बंद है. बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं. ऐसे में शिक्षा विभाग ने ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था की है. परंतु बामदा व बारडीह पंचायत के गांव के बच्चों की पढ़ाई बंद है. ऑनलाइन पढ़ाई के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. नेटवर्क नहीं रहने के कारण बच्चे पढ़ाई नहीं कर पाते. जिनके पास मोबाइल है. वे शो-पीस की तरह लेकर घूमते रहते हैं. कभी कभार शहर में आते हैं तो मोबाइल से बात करते हैं.

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इसी इलाके में कुरूमगढ़ थाना है. नक्सलियों को खत्म करने के लिए थाना बना है. पुलिस की मानें तो थाना की स्थापना से नक्सल में सफलता भी मिल रही है. परंतु मोबाइल नेटवर्क नहीं रहने के कारण पुलिस को भी ड्यूटी करने में परेशानी होती है. हालांकि कुरूमगढ़ थाना में वायरलेस है. परंतु यह भी सीमित उपयोग के लिए है. यहां के पुलिस जवानों को परिवार के सदस्यों से बात करने में परेशानी होती है. हालांकि इस क्षेत्र के कुछ ऊंचे पहाड़ व पेड़ में टावर पकड़ता है. जहां मुसीबत झेलते हुए बात करते हैं.

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गांव के युवकों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया. कई बार मोबाइल टावर लगाने के लिए सर्वे हुआ. परंतु नक्सलियों के डर से कंपनी के लोग मोबाइल टावर नहीं लगा रहे हैं. युवकों ने कहा कि हर 10 में से पांच घर में मोबाइल है. परंतु टावर नहीं रहने के कारण घर के एक कोने में रखा रहता है. किसी काम से शहर जाते हैं तो मोबाइल का उपयोग करते हैं.

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नक्सलियों के डर से झारखंड में नहीं लग रहा मोबाइल टावर, ऑनलाइन पढ़ाई के लिए नेटवर्क को तरस रहे बच्चे 3

गुमला के विधायक भूषण तिर्की ने कहा कि बामदा व बारडीह पंचायत के इलाके में मोबाइल नेटवर्क नहीं रहने से लोगों को परेशानी होती है. आखिर अब तक टावर क्यों नहीं लगा है. इसका पता कर मोबाइल टावर लगवाने का प्रयास करेंगे.

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गुमला के एसपी एचपी जनार्दनन ने कहा कि कुरूमगढ़ थाना क्षेत्र के अंतर्गत पड़ने वाले गांवों में मोबाइल नेटवर्क नहीं रहने से परेशानी होती है. इस क्षेत्र में बीएसएनएल का टावर स्थापित करने के लिए विभाग को पत्र लिखा गया है.

Posted By : Guru Swarup Mishra

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