FIFA U17 World Cup: कप्तान अष्टम उरांव के घर प्रशासन ने पहुंचाया टीवी, अब पैरेंट्स देख सकेंगे मैच

टीम की कैप्टन अष्टम उरांव के माता-पिता अब मैच देख सकेंगे. प्रशासन ने अष्टम उरांव के घर टीवी लगवा दिया है. प्रभात खबर ने 'टीवी नहीं है, कप्तान अष्टम उरांव को वर्ल्ड कप खेलते नहीं देख पायेंगे उनके गांव के लोग' शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी. जिसके टीवी की व्यवस्था कर दी है.

By Rahul Kumar | October 11, 2022 1:05 PM
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FIFA U17 World Cup: टीम की कैप्टन अष्टम उरांव के माता-पिता अब मैच देख सकेंगे. प्रशासन ने अष्टम उरांव के घर टीवी लगवा दिया है. प्रभात खबर ने ‘टीवी नहीं है, कप्तान अष्टम उरांव को वर्ल्ड कप खेलते नहीं देख पायेंगे उनके गांव के लोग’ शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी. जिसके बाद जिला प्रशासन ने संज्ञान लेते हुए घर पर टीवी की व्यवस्था कर दी है. टीवी लग जाने के बाद आज से शुरू होने जा रहे मैच को उसके माता-पिता देख सकेंगे.

आज से शुरू हो रहा वर्ल्ड कप

बताते चलें कि आज से FIFA U17 World Cup की शुरुआत हो रही है. भुवनेश्वर में आज भारत और अमेरिका के बीच मुकाबला होगा. मैच आठ बजे प्रकाशित किया जायेगा. बताते चलें कि ऐसा नहीं है कि केवल टीम की कप्तान अष्टम उरांव के यहां ही टीवी नहीं है. गांव वालों के पास भी टीवी नहीं है. इससे गांव के लोग निराश थे. लेकिन अब वे मैच देख सकेंगे.

गुमला की दो बेटी वर्ल्ड कप टीम में

गुमला जिला से 60 किमी दूर बिशुनपुर प्रखंड के बनारी गोर्राटोली की रहने वाली अष्टम उरांव भारतीय महिला टीम की कप्तान हैं. इसलिए गांव वाले चाहते हैं कि अष्टम उरांव को इस इंटरनेशनल मुकाबले में खेलते हुए टीवी पर देखें. बता दें कि गुमला जिले के दो बालिका फुटबॉलरों का चयन फीफा वर्ल्ड कप के लिए हुआ है. जिसमें चैनपुर प्रखंड की सुधा अंकिता तिर्की व बिशुनपुर प्रखंड की अष्टम उरांव है.

बेटी देश के लिए खेलेगी, इससे ग्रामीण खुश हैं

गोर्राटोली गांव के लोग इस बात से खुश हैं कि गांव की मिट्टी में पली बढ़ी अष्टम देश के लिए खेलेगी. अष्टम उरांव के पिता हीरालाल उरांव ने कहा कि आज मुझे अपनी बेटी पर बहुत गर्व है जो पूरे दुनिया में अपनी प्रतिभा के दम पर नाम रोशन कर रही है. उन्होंने बताया कि गरीबी के कारण किसी प्रकार उन्होंने अपने बच्चों की परवरिश की. शिक्षा एवं संस्कार देने का भरपूर प्रयास किया. जिसका नतीजा आज सामने है. बिशुनपुर जैसे जगहों में खेल की कोई सुविधा नहीं होने के बावजूद वह आज भारतीय महिला टीम का कप्तान बन गयी. इससे मुझे गर्व महसूस हो रहा है. अष्टम उरांव की मां तारा देवी ने बताया कि अष्टम शुरू से ही एक जुझारू बच्ची है. वह जिस काम को ठान लेती है. उसे पूरे मन के साथ करती है. यही वजह है कि आज वह इस मुकाम तक पहुंच पायी है.

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