Fish Farming In Jharkhand : मछली पालन करते हैं, तो उठाएं इन योजनाओं का लाभ, ऐसे मिल सकता है लोन
Fish Farming In Jharkhand, गुमला न्यूज (जगरनाथ) : झारखंड के गुमला जिले के मत्स्य पालकों के लिए अच्छी खबर है. आप मछली पालन करते हैं, तो चार योजनाओं का लाभ ले सकते हैं. मछली सह बत्तख पालन, झिंगा मछली पालन, गीलनेट देने की योजना एवं लाइफ जैकेट देने की योजना. इधर, मत्स्य पालकों के बीच मत्स्य बीज का वितरण शुरू कर दिया गया है. मत्स्य पालक मत्स्य पालन के लिए केसीसी (किसान क्रेडिट कार्ड) से लोन भी ले सकते हैं.
Fish Farming In Jharkhand, गुमला न्यूज (जगरनाथ) : झारखंड के गुमला जिले के मत्स्य पालकों के लिए अच्छी खबर है. आप मछली पालन करते हैं, तो चार योजनाओं का लाभ ले सकते हैं. मछली सह बत्तख पालन, झिंगा मछली पालन, गीलनेट देने की योजना एवं लाइफ जैकेट देने की योजना. इधर, मत्स्य पालकों के बीच मत्स्य बीज का वितरण शुरू कर दिया गया है. मत्स्य पालक मत्स्य पालन के लिए केसीसी (किसान क्रेडिट कार्ड) से लोन भी ले सकते हैं.
पहली योजना मछली सह बत्तख पालन है. इस योजना को जिले के दो योग्य लाभुकों से दो एकड़ में कराना है. यह योजना 279,840 रुपये की है. योजना के क्रियान्वयन के लिए सरकार द्वारा 122,600 रुपये वहन किया जायेगा, जबकि 157,240 रुपये लाभुक को स्वयं वहन करना पड़ेगा. दूसरी योजना निजी क्षेत्र में झिंगा मछली पालन की है. इस योजना को एक एकड़ में कराना है. इसमें 1.20 लाख रुपये सरकार देगी, जबकि 30-35 हजार रुपये स्वयं लाभुक को लगाना पड़ेगा.
तीसरी योजना मत्स्य जीवी सहयोग समिति के सदस्यों के लिए है. इस योजना के तहत विभिन्न समितियों के 15 सदस्यों को गीलनेट देने की योजना है. एक गीलनेट की कीमत 2500 से 3000 रुपये तक है. इस योजना से लाभान्वित होने के लिए लाभुक को 500 से एक हजार रुपये तक लगाना पड़ेगा. चौथी योजना केज मत्स्य पालकों के लिए है. इस योजना के तहत 20 मत्स्य पालकों को लाइफ जैकेट देने की योजना है. इसकी कीमत लगभग 1600 रुपये है. इस योजना से लाभान्वित होने के लिए लाभुक को 200 रुपये स्वयं वहन करना पड़ेगा. मछली पालकों के लिए मत्स्य विभाग में फिलहाल में यही चार योजनाएं हैं.
हालांकि प्रत्येक वर्ष मत्स्य विभाग में जिले के मछली पालकों के लिए अनेक योजनाएं आती हैं, लेकिन वर्ष 2020 से कोविड-19 महामारी के कारण मत्स्य विभाग में योजनाओं का अकाल पड़ा हुआ है. इसके अतिरिक्त मत्स्य विभाग द्वारा प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना से संबंधित 42 तरह की योजनाएं चलायी जा रही हैं. यह योजना पंचवर्षीय है. वर्तमान में मत्स्य विभाग प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना पर ही विशेष रूप से कार्य कर रहा है.
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मछली पालकों के बीच मत्स्य बीज का वितरण शुरू कर दिया है. बतातें चले कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में सरकार द्वारा मत्स्य विभाग गुमला को मत्स्य पालकों के बीच मत्स्य बीज के वितरण के लिए राज्यादेश जारी कर दिया है. हालांकि अभी सिर्फ राज्यादेश जारी किया गया है. परंतु आवंटन प्राप्त नहीं हुआ है. परंतु मत्स्य विभाग द्वारा बंगाल से विभागीय स्तर पर क्रेडिट में मत्स्य स्पॉन मंगाने के बाद बीज तैयार कर मत्स्य पालकों के बीच वितरण किया जा रहा है. पहले चरण में विभाग द्वारा एक करोड़ स्पॉन मंगाया गया है. जिससे लगभग 25 लाख बीज तैयार हुआ है. जिसमें फिंगर साइज का मत्स्य बीज 400 रुपये किग्रा एवं रेहु, मृगल व कतला मत्स्य बीज 400 रुपये किग्रा के दर से मत्स्य पालकों के बीच वितरण किया जा रहा है.
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मत्स्य पालक मत्स्य पालन के लिए केसीसी (किसान क्रेडिट कार्ड) से लोन भी ले सकते हैं. पूर्व में मत्स्य पालकों के लिए लोन की सुविधा नहीं थी. परंतु अब मत्स्य पालकों को मत्स्य पालन के क्षेत्र में बढ़ावा देने के लिए केसीसी से लोन भी मुहैया कराया जा रहा है. जिसके तहत मत्स्य बीज उत्पादन के लिए 39 हजार, मिश्रित मत्स्य पालन के लिए 60 हजार, केज में मत्स्य पालन करने के लिए 1.80 लाख एवं बत्तख सह मत्स्य पालन करने वाले किसानों को 91,200 रुपये तक लोन मिलेगा. लोन प्राप्त करने के इच्छुक मत्स्य पालक किसान जिला मत्स्य विभाग के कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं.
Posted By : Guru Swarup Mishra