पौधरोपण कार्य भी रुका और नहीं हो रही है वनक्षेत्र की गश्ती
गुमला.
झारखंड राज्य अवर वन सेवा संघ के बैनर तले वनरक्षियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल शुक्रवार को आठवें दिन भी जारी रही. हड़ताल से वन विभाग के कामकाज समेत कार्यालय में कागजी कार्य प्रभावित हैं. पौधारोपण का कार्य भी रुका है. वहीं भरनो व चैनपुर क्षेत्र में हाथियों का उत्पात चल रहा है. हाथियों के उत्पात के बाद मकान, फसल, पशु क्षति का आकलन का कार्य प्रभावित है, जिससे हाथियों से पीड़ित व प्रभावित लोगों को परेशानी हो रही है. साथ ही वन व वन्य प्राणियों की सुरक्षा के दृष्टिकोण से वनरक्षियों द्वारा नियमित रूप से वन क्षेत्रों की गश्ती नहीं हो रही है. इधर, अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे सभी वनरक्षी अपनी मांगों को लेकर अड़े हैं. झारखंड राज्य अवर वन सेवा संघ गुमला जिलाध्यक्ष रजत किरण डुंगडुंग व मंत्री लिबनुस कुल्लू ने कहा कि हम वनरक्षियों की मांग जायज है. राज्य सरकार द्वारा वन क्षेत्र कर्मियों के लिए पूर्व में बनायी गयी नियमावली 2014 में संशोधन कर नयी नियमावली 2024 बनायी गयी है. यह नियमावली वनरक्षियों के विरोध में हैं. हम सभी वनरक्षी इसका पुरजोर विरोध करते हैं. उन्होंने कहा कि अल्प वेतन भत्ता मिलने के बावजूद जान जोखिम में डाल कर दिन-रात हम अपनी सेवा देने से पीछे नहीं हटते हैं, परंतु सरकार द्वारा वनरक्षियों के लिए विशेष सुविधा उपलब्ध कराने की बजाय वनरक्षियों की प्रोन्नति के अवसर को छिनने का कार्य कर रही है. उन्होंने मांग की कि 2014 नियमावली के तहत सेवा शर्त लागू रहे और वनपाल के शत-प्रतिशत पदों पर वर्ष 2017 में बहाल वनरक्षियों की ही प्रोन्नति की जाये. अनिश्चिकालीन हड़ताल पर रहने वालों में राजेश्वरी रानी, योगिता कुमारी प्रवीण तिर्की, भुनेश्वर राम, चंद्रेश चरण उरांव, राज कुमार साहू, नवल किशोर, शिवकुमार उरांव, बुद्धदेव बड़ाइक, सुखदेव लकड़ा, हेमराज उरांव, अकील अहमद, विजेंद्र उरांव, पीटर बाड़ा, रॉबिन लकड़ा, राकेश मिश्रा, राजेश कुजूर आदि शामिल हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है