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वनरक्षी अनिश्चित हड़ताल पर गये

झारखंड राज्य अवर वन सेवा संघ के बैनरतले प्रोन्नति के पद में कटौती के विरोध में वनरक्षी अनिश्चित कालीन धरना पर चले गये.

17 गुम 20 में धरना पर बैठे लोग प्रतिनिधि, गुमला झारखंड राज्य अवर वन सेवा संघ के बैनरतले प्रोन्नति के पद में कटौती के विरोध में वनरक्षी अनिश्चित कालीन धरना पर चले गये. संघ के जिला मंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा झारखंड राज्य अवर वन क्षेत्र कर्मी संवर्ग नियमावली 2014 में संशोधन करके झारखंड राज्य अवर वन क्षेत्र कर्मी संवर्ग नियमावली 2024 बनाकर वनपाल के शत प्रतिशत प्रोन्नति के पद में कटौती करते हुए 50 प्रतिशत पदों पर सीधी नियुक्ति करने के निर्णय के विरोध में राज्य के सभी वनरक्षी अपने सभी विभागीय कामकाज को छोड़कर 16 अगस्त से अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन पर चले गये हैं. विदित हो कि 2014 के इस वनरक्षी नियुक्ति नियमावली के अध्याय चार के कंडिका में स्पष्ट प्रावधान है कि वनपाल के शत प्रतिशत पद प्रोन्नति के होंगे. इसी 2014 के वनरक्षी नियुक्ति नियमावली के तहत वर्तमान में कार्यरत सभी वनरक्षियों की नियुक्ति हुई है. झारखंड के वनरक्षी अल्प वेतन भत्ते और बिना किसी विशेष सुविधा के जंगलों की सुरक्षा एवं विकास तथा वन्य प्राणियों की सुरक्षा एवं वन्य प्राणियों से लोगों की सुरक्षा सहित अन्य विभागीय कार्यों के लिये दुर्गम स्थानों पर दिन रात लगे रहते है. इनकी जान-माल की क्षति की संभावना हमेशा बनी रहती है. उनके लिये विशेष सुविधा उपलब्ध कराने के बजाय सरकार ने वनरक्षियों के प्रोन्नति के अवसर को छिनने का कार्य किया है. इसके लिये झारखंड राज्य अवर वन सेवा संघ मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, प्रधान मुख्य वन संरक्षक से कई बाद गुहार लगा चुका है, परंतु किसी भी स्तर से सकारात्मक पहल नहीं की गयी. जिसके बाद सभी वनरक्षी एकमत होकर अपने सभी सरकारी कामकाज को छोड़कर अनिश्चितकालीन धरना पर बैठने का निर्णय लिया है. प्रोन्नति की मांग को लेकर शिक्षक संघ का धरना प्रदर्शन गुमला. शिक्षक संघ समन्वय समिति गुमला ने शिक्षकों की लंबित विभिन्न मांगों खासकर प्रोन्नति की मांग के समर्थन में शनिवार को डीएसइ कार्यालय के समक्ष एक दिनी धरना प्रदर्शन किया. अध्यक्ष निरंजन कुमार ने प्रोन्नति के लंबित समस्या पर विचार रखते हुए स्थानीय डीएसइ को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि प्रोन्नति से संबंधित कार्यो पर पहले की भांति ही केवल ग्रेडेशन सूची का प्रकाशन कर अपनी जिम्मेदारी की इति श्री कर कुंडली मारकर बैठे हुए हैं. प्रोन्नति से संबंधित सहमति पत्र पर हस्ताक्षर होने के बावजूद आज तक शिक्षकों की प्रोन्नति को लंबित रखा गया है. सचिव रामचंद्र खेरवार ने विगत दिनों प्रोन्नति से संबंधित डीएसइ से मुलाकात के दौरान असंवेदनशील व गैर जिम्मेदाराना वक्तव्य से काफी आहत होते हुए कहा कि श्रीमान के पास शिक्षकों की समस्याओं पर कार्य करने के लिए समय नहीं है. उन्होने कहा कि उनकी अबकी बार आर पार की लड़ाई होगी. इसके अलावा प्रोन्नति व लंबित मुद्दों पर अन्य शिक्षकों ने भी सभा को संबोधित किया. सभी का एक ही मकसद है कि जब तक प्रोन्नति नहीं दी जाती है. तब तक धरना के साथ साथ आमरण अनशन करते हुए अपने प्राणों की आहूति दे देंगे. धरना में शिक्षकों ने क्रमिक अनशन 20 अगस्त से 22 अगतस्त तक व आमरण अनशन 27 अगस्त से शुरू करने का निर्णय लिया गया. मौके पर राजदीप सिंह, सुनील कुमार, निरंजन कुमार, किशोर भगत, सुमन बिलुंग, सदय प्रताप जायसवाल, कृपाशंकर पांडेय, शिवशंकर गोप, सुभाष कुमार, राजेंद्र पंडित, शिवजतन साहू, लालमोहन साहू, देवकमल लोहरा, शमशेर अंसारी, संजय कुमार, हफिंद्र साहू, अब्दुल रज्जाक अंसारी, नंद कुमार, अजय कुमार, महावीर गोप, अवधेश कुमार राम, सुरंजन कुमार सहित कई शिक्षक मौजूद थे.

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