बिशुनपुर में अवैध तरीके से काटे जा रहे हैं जंगल

लोस चुनाव को लेकर जहां अधिकारी व्यस्त हैं, वहीं लकड़ी तस्कर मस्त

By Prabhat Khabar News Desk | April 16, 2024 9:38 PM

लोस चुनाव को लेकर जहां अधिकारी व्यस्त हैं, वहीं लकड़ी तस्कर मस्त बिशुनपुर. लोकसभा चुनाव को लेकर जहां अधिकारी व्यस्त हैं, वहीं लकड़ी तस्कर मस्त हैं. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि लोहरदगा वन डिवीजन के बनारी रेंज कसमार स्थित बोरहा गांव के रैयत दशरथ उरांव व सुखराम टाना भगत के रैयती प्लॉट में लगे साल के पेड़ काटने का परमिशन अंचल व वन विभाग द्वारा 37 पेड़ का दिया गया था. परंतु तस्कर द्वारा रैयत व सुरक्षित वन क्षेत्र से 70 से अधिक पेड़ काट लिये गये. अवैध को वैध दिखाने में वन विभाग भी कोई कसर नहीं छोड़ा. क्योंकि उक्त वैध व अवैध साल का बोटा लेकर यूपी नंबर यूपीबीटी-1248 एलपी ट्रक बनारी रेंज ऑफिस पहुंचा, जहां वन विभाग द्वारा उक्त ट्रक को रात भर बनारी रेंज ऑफिस में रखा गया. दूसरे दिन मंगलवार की दोपहर लगभग एक बजे ट्रांसपोर्टिंग परमिशन का पेपर जारी करते हुए उसे छोड़ दिया गया. ग्रामीणों का कहना है कि इससे पूर्व भी दो 12 चक्का एलपी ट्रक व एक बॉक्साइट ट्रक में साल का बोटा लोड कर उक्त सुरक्षित वन क्षेत्र से बनारी रेंज ऑफिस के नाका होते हुए तस्कर द्वारा ले जाया गया है. इन गांवों के जंगलों में कटे हैं साल के पेड़: बनारी रेंज के बोरहा गांव के दशरथ उरांव के 17 पेड़ काटने की स्वीकृति मिली थी, जबकि तस्करों द्वारा 22 पेड़ काटे गये. जबकि सुरक्षित वन क्षेत्र से तीन पेड़, वहीं सुखराम टाना भगत के नाम पर 20 पेड़ की स्वीकृति मिली थी, परंतु 23 पेड़ काटे गये हैं. वहीं सुरक्षित वन क्षेत्र के दामकुम जंगल से आठ पेड़, जबकि जोरी जंगल से पांच पेड़, वहीं जंगल क्षेत्र के अन्य जगहों से लगभग एक दर्जन पेड़ और काटे जाने की बात बतायी जा रही है. वनरक्षी की उपस्थिति में होती है कटाई व लोडिंग: सूत्रों की माने, तो पेड़ों की कटाई व लोडिंग के समय वन विभाग के कुछ कर्मी उपस्थित रहते हैं. ऐसे में ग्रामीण भी उनसे कुछ नहीं पूछ पाते हैं. वैध व अवैध का खेल तस्कर द्वारा किया जाता है. ग्रामीण कहते हैं कि वन बचाने वाले ही मिल कर वन उजाड़ने का काम करने लगे, तो वह दिन दूर नहीं की लोहरदगा रेंज के जंगल में हमलोग सिर्फ पत्थरों का टीला देख पायेंगे. डीएफओ ने कहा: डीएफओ अरविंद कुमार ने कहा कि अगर परमिशन से अधिक पेड़ काटे गये हैं, तो यह गंभीर बात है. बोटा लदे गाड़ी को अगर विभाग द्वारा ट्रांसपोर्टिंग परमिशन का पेपर दिया गया है, तो कई जगहों से गाड़ी गुजरेगी. कहीं न कहीं पकड़ी जायेगी. हालांकि मिली सूचना के आलोक में पुनः एक बार मामले की जांच करायेंगे.

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