गीताश्री उरांव ने पुण्यतिथि पर बाबा कार्तिक उरांव को दी श्रद्धांजलि, लोगों से कहा- बच्चों को शिक्षित करें
कई दशक गुजर जाने के बाद भी आज तक आदिवासी समाज का समुचित विकास नहीं हो सका है. इसका मुख्य कारण अशिक्षा, नशापान, अंधविश्वास और कई प्रकार की कुरीतियां हैं. यदि समाज से ये चीजें दूर हो जाती है, तो समाज का विकास संभव है.
कार्तिक उरांव की 42वीं पुण्यतिथि पर शुक्रवार को लिटाटोली स्थित कार्तिक उरांव की समाधि स्थल पर श्रद्धासुमन अर्पित कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम में सूबे की पूर्व शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव, नप गुमला के निवर्तमान अध्यक्ष दीपनारायण उरांव समेत अन्य लोगों ने उनकी समाधि स्थल पर श्रद्धासुमन अर्पित कर नमन किया. गीताश्री उरांव ने कहा कि कार्तिक उरांव आदिवासी समाज का चहुमुंखी विकास का सपना देखे थे. वे चाहते थे कि समाज के लोग शिक्षित व जागरूक बने. साथ ही अपने अधिकारों को जाने तथा अपनी सामाजिक संस्कृति व परंपरा के साथ आगे बढ़ते हुए एक प्रगतिशील इंसान बने, परंतु कई दशक गुजर जाने के बाद भी आज तक आदिवासी समाज का समुचित विकास नहीं हो सका है. इसका मुख्य कारण अशिक्षा, नशापान, अंधविश्वास और कई प्रकार की कुरीतियां हैं. यदि समाज से ये चीजें दूर हो जाती है, तो समाज का विकास संभव है. उन्होंने समाज के लोगों से अपील की कि अपने-अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दें व नशापान व अंधविश्वास जैसी चीजों से दूर रहें. समाज में कई प्रकार की कुरीतियां हैं, जिससे भी दूर करें, ताकि स्व कार्तिक उरांव का सपना साकार हो सके.
आदिवासी समाज के लोग एकजुट होकर रहें : दीपनारायण
दीपनारायण उरांव ने कहा कि समाज के लोग एकजुट रहें. कई तरह की बातों को लेकर आदिवासी समाज को तोड़ने का प्रयास किया जाता है. ऐसे लोगों से सतर्क रहने की जरूरत है. मौके पर आदिवासी विकास परिषद झारखंड के महासचिव सुशील उरांव, पूर्व युवा कांग्रेस जिलाध्यक्ष रोहित उरांव, अनिल उरांव, बबलू उरांव मौजूद थे.
कार्तिक बाबा की पुण्यतिथि मनायी गयी
पंखराज साहेब कार्तिक उरांव की पुण्यतिथि पर शुक्रवार को रायडीह प्रखंड के नवागढ़ शाहीटोली में नवनिर्मित कार्तिक उरांव के मूर्ति पर भाजपा जिला महामंत्री मिशिर कुजूर ने माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया. मिशिर कुजूर ने कहा कि समस्त आदिवासी समाज को कार्तिक उरांव के जीवन से प्रेरणा लेकर उनके पदचिह्न पर चलने की जरूरत है, तभी जाकर हमारा समाज का सही मायने पर विकास हो सकता है. युवा पीढ़ी उनसे प्रेरित होकर पढ़ाई लिखाई कर शिक्षित बनें. अच्छी जगह पर अपना स्थान कायम करें. उन्होंने आदिवासी युवाओं को नशापान से दूर रहने की सलाह दी. मौके पर विश्वनाथ उरांव, विनय उरांव, चौधरी उरांव, विषनी देवी, विनिता देवी, गोयनंदा उरांव, मंगनू उरांव मौजूद थे.
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