घाघरा के 64 टाना भगतों को लगान देने से मिली मुक्ति, डीसी ने सौंपी रसीद

Jharkhand news, Gumla news : गुमला जिला अंतर्गत घाघरा प्रखंड के नौडीहा बरटोली गांव में डीसी शिशिर कुमार सिन्हा ने प्रखंड के 64 टाना भगतों को लगान मुक्त संबंधी रसीद का वितरण किया. अब टाना भगतों को अपनी जमीन का लगान नहीं देना होगा. मालूम हो कि पिछले काफी दिनों से टाना भगत लगान माफ करने समेत अन्य मांगों को लेकर आंदोलन करते आये हैं. गुमला जिला में करीब 1100 टाना भगत हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 22, 2020 6:18 PM
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Jharkhand news, Gumla news : गुमला : गुमला जिला अंतर्गत घाघरा प्रखंड के नौडीहा बरटोली गांव में डीसी शिशिर कुमार सिन्हा ने प्रखंड के 64 टाना भगतों को लगान मुक्त संबंधी रसीद का वितरण किया. अब टाना भगतों को अपनी जमीन का लगान नहीं देना होगा. मालूम हो कि पिछले काफी दिनों से टाना भगत लगान माफ करने समेत अन्य मांगों को लेकर आंदोलन करते आये हैं. गुमला जिला में करीब 1100 टाना भगत हैं.

मौके पर डीसी श्री सिन्हा ने कहा कि राज्य सरकार की कोशिश है कि हर एक व्यक्ति के चेहरे पर खुशी रहे. राज्य के टाना भगतों की मांगों के हल के लिए राज्य सरकार प्रयासरत है. आज सरकार ने फैसला लिया है कि इनको लगान मुक्त किया जायेगा. इसी के तहत बिना लगान वाला रसीद सभी टाना भगत परिवारों को दिया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि देश की आजादी में टाना भगतों की भी अहम भूमिका रही है. जतरा टाना भगत ने अंग्रेजों के खिलाफ जोरदार आंदोलन चलाये. अब राज्य सरकार ने टाना भगतों की जमीन को लगान मुक्त करने का फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि टाना भगतों के विकास के लिए जिला प्रशासन कटिबद्ध है. किसी भी तरह की समस्या हो, तो वे सीधे आयें और समस्या से अवगत कराएं, ताकि उनको सारी सुविधाएं मुहैया करायी जा सके.

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कार्यक्रम को संबोधित करते हुए टाना भगत प्राधिकार के प्रदेश सदस्य रामधन टाना भगत ने कहा कि गुमला जिले में 1100 टाना भगत हैं. सभी टाना भगत परिवार जिंदगी जी नहीं रहे, बल्कि जिंदगी किसी तरह से गुजार रहे हैं. जिले में साढ़े 4 करोड़ की राशि टाना भगतों के विकास के लिए आया है, लेकिन अब तक धरातल पर कोई कार्य नहीं दिख रहा है. कभी चुनाव, तो कभी लॉकडाउन के नाम पर सारे फाइलें दबी हुई है.

श्री रामधन ने कहा कि सभी टाना भगतों को 4 गाय मिलनी थी, लेकिन 2 गाय ही मिले. इन पशुओं की चारा के लिए भोजन राज्य सरकार उपलब्ध कराये, क्योंकि टाना भगतों की आर्थिक स्थिति इतनी मजबूत नहीं है कि पशुओं के लिए चारा दुकान से खरीद कर ला सकें. इसके अलावा नेतरहाट आवासीय विद्यालय में टाना भगत के बच्चों को 5 फीसदी आरक्षण भी नहीं मिल रहा है. इस मौके पर अंचलाधिकारी दिनेश प्रसाद गुप्ता, प्रखंड विकास पदाधिकारी विष्णु देव, मुखिया भुनेश्वर भगत, ठुपेंद्र टाना भगत, नवल किशोर, शशिभूषण मेहता, सुशील असुर सहित दर्जनों की संख्या में टाना भगत मौजूद थे.

Posted By : Samir Ranjan.

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