21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

अच्छी खबर : गुमला के मरवा गांव के 40 परिवारों को अबतक नहीं छू पाया है कोरोना, जानें ग्रामीण कैसे बढ़ाते हैं अपना इम्युनिटी पावर

Coronavirus in Jharkhand (गुमला) : झारखंड के गुमला जिला का एक है मरवा. इस गांव के 40 परिवार आज भी काेरोना संक्रमण से अछूता है जो राहत की बात है. इस गांव को प्रकृति ने सुरक्षित रखा. यह गांव घने जंगलों के बीच बसा हुआ है. चारों तरफ ऊंचे पहाड़ भी है. हरियाली इस गांव की पहचान है. कोरोना वायरस से बचने के लिए गांव के लोग इम्युनिटी पावर बढ़ाने के लिए बेंग साग, फुटकल साग, चिमटी साग, सरला गुड़ा खाते हैं. हर घर के लोग फुटकल साग को सुखाकर उसे माड़ में मिलकर पी रहे हैं.

Coronavirus in Jharkhand (दुर्जय पासवान, गुमला) : झारखंड के गुमला जिला का एक है मरवा. इस गांव के 40 परिवार आज भी काेरोना संक्रमण से अछूता है जो राहत की बात है. इस गांव को प्रकृति ने सुरक्षित रखा. यह गांव घने जंगलों के बीच बसा हुआ है. चारों तरफ ऊंचे पहाड़ भी है. हरियाली इस गांव की पहचान है. कोरोना वायरस से बचने के लिए गांव के लोग इम्युनिटी पावर बढ़ाने के लिए बेंग साग, फुटकल साग, चिमटी साग, सरला गुड़ा खाते हैं. हर घर के लोग फुटकल साग को सुखाकर उसे माड़ में मिलकर पी रहे हैं.

Undefined
अच्छी खबर : गुमला के मरवा गांव के 40 परिवारों को अबतक नहीं छू पाया है कोरोना, जानें ग्रामीण कैसे बढ़ाते हैं अपना इम्युनिटी पावर 3

गुमला जिले के चैनपुर प्रखंड स्थित बारडीह पंचायत के मरवा गांव के 40 परिवार को अबतक कोरोना संक्रमण छू नहीं पाया है. अब कोरोना वायरस के फैले 15 महीना होने जा रहा है, लेकिन इस गांव के किसी भी व्यक्ति को अबतक कोरोना नहीं हुआ है. दो लोगों को गांव में ही सर्दी व खांसी हुआ था, लेकिन फुटकल साग का गुड़ा खाने से वे ठीक हो गये.

Undefined
अच्छी खबर : गुमला के मरवा गांव के 40 परिवारों को अबतक नहीं छू पाया है कोरोना, जानें ग्रामीण कैसे बढ़ाते हैं अपना इम्युनिटी पावर 4

गांव के वृद्ध पिल्लू महतो ने कहा कि हमारे दादा-परदादा और हमलोग शुरू से ही प्रकृति के बीच रहते आ रहे हैं. सुबह से शाम तक हाड़-तोड़ मेहनत करते हैं. शाम को खाते हैं और सो जाते हैं. प्रकृति भी हमें बचाये हुए हैं. सुना है शहर के कई लोग ऑक्सीजन की कमी से मरे हैं, लेकिन हमारे गांव में प्रकृति भरपूर ऑक्सीजन दे रही है. जिससे हमें कभी सांस लेने में दिक्कत नहीं हुई है. गांव के लोग सोलर जलमीनार का पानी पीते हैं. अधिकांश लोग गर्म पानी पीते हैं.

Also Read: लॉकडाउन में गुमला के व्यापारियों की हालत पतली, कर डाली सरकार से राहत देने की मांग बाहरी लोगों के प्रवेश पर है रोक

वृद्ध ग्रामीण पिल्लू महतो ने कहा कि हमारे गांव में नक्सली आते हैं. पुलिस भी आती है, लेकिन हमलोग किसी से सटते नहीं हैं. नक्सली आते हैं, तो वो गांव से दूर बगीचा में रूकते हैं. खाते-पीते हैं और चले जाते हैं. पुलिस आती है, तो हमसे सटकर बात करती है, लेकिन गांव में अभी तक किसी को कोरोना नहीं हुआ. अनजान लोगों को गांव में घुसने नहीं देते हैं.

गांव में हर कोई हंसते मिलते हैं

गांव में कई लोगों से मुलाकात की. बात की. बातचीत में हर कोई हंसते हुए मिला. यहां तक कि बच्चे भी यहां पूरे स्वस्थ मिले. बच्चे पेड़ के नीचे ज्यादा खेलते मिले. गांव के लोगों ने कहा कि जब हमारा कोई काम नहीं रहता है, तो हमलोग छायादार पेड़ के नीचे बैठकर मोबाइल देखते हैं या फिर किसी पुरानी बातों को याद कर खूब ठहाका लगाते हैं.

जंगल और पहाड़ के कारण हम सुरक्षित : ग्रामीण

वहीं, अमाषी देवी कहती हैं कि हमारे मरवा गांव में डेढ़ साल में किसी को कोरोना महामारी नहीं हुआ है. गांव के सभी लोग स्वस्थ हैं. किसी को कोई बड़ी बीमारी भी नहीं है. जंगल व पहाड़ के कारण हम सुरक्षित हैं. इसके अलावा ग्रामीण शंकुतला देवी कहती हैं कि गांव की लकड़ी, सब्जी, दोना, पत्तल बेचने टोटो बाजार जाते हैं, लेकिन बाजार से वापस गांव आने से पहले रास्ते में नदी है जहां नहाते-धोते आते हैं. हर कोई नदी में जरूर नहाते हैं.

Also Read: गरीबों के अनाज पर डाका, एसएफसी अंबेराडीह से सिसई भींगे चावल की हुई सप्लाई

Posted By : Samir Ranjan.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें