16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

गुमला के लोगों के लिए खुशखबरी, झारखंड का पहला फिसरी साइंस कॉलेज शुरू

झारखंड राज्य का पहला मत्स्यिकी विज्ञान महाविद्यालय (फिसरी कॉलेज) गुमला में शुरू हो गया. मंगलवार से पढ़ाई चालू कर दी गयी है.

गुमला : गुमला जिला के लिए अच्छी खबर है. देश का 27वां और झारखंड राज्य का पहला मत्स्यिकी विज्ञान महाविद्यालय (फिसरी कॉलेज) गुमला में शुरू हो गया. मंगलवार से पढ़ाई चालू कर दी गयी है. कॉलेज के डीन के साथ 11 शिक्षकों ने कॉलेज में योगदान दे दिया है. छात्रावास में छात्र रहने लगे हैं. छात्रों को पढ़ाने के लिए सात विभाग तैयार है.

सात प्रयोगशाला भी बन कर तैयार हो गया है. पुस्तकालय बन गया है. चार क्लास रूम है. सरकार के आदेश के बाद रांची से 30 बच्चे गुमला के फिसरी कॉलेज में आ गये हैं और पढ़ाई चालू कर दी है. ये सभी बच्चे फाइनल इयर के हैं. कॉलेज शुरू होने से अब गुमला जिला के स्थानीय युवक-युवतियों को मत्स्यिकी विज्ञान की डिग्री लेने में फायदा होगा. इसके अलावा स्थानीय मछली पालक किसानों को भी यहां प्रशिक्षण दिया जायेगा. जिससे गुमला मछली पालन में अव्वल जिला बन सके.

छह सालों तक रांची में चला कॉलेज

यहां बता दें कि गुमला में फिसरी कॉलेज का भवन अधूरा रहने के कारण छह साल से गुमला का फिसरी कॉलेज रांची के बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में संचालित हो रहा था. परंतु सात सितंबर 2021 से गुमला में कॉलेज शुरू हो गया है. अभी दो बैच चल रहा है. एक बैच के छात्र फाइनल इयर में है. जबकि थर्ड सेमेस्टर में 30 बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं. बताते चलें कि मत्स्यिकी विज्ञान की पढ़ाई के लिए चार साल का कोर्स होता है. कॉलेज प्रबंधन के अनुसार भवन का कुछ काम चल रहा है. वह जल्द पूरा हो जायेगा. परंतु उससे पहले पढ़ाई प्रारंभ कर दी गयी है.

प्रभात खबर की पहल रंग लायी :

प्रभात खबर लगातार फिसरी कॉलेज चालू करने की मांग को उठाता रहा है. यहां तक कि सांसद सुदर्शन भगत, गुमला विधायक भूषण तिर्की व बीस सूत्री के पूर्व सदस्य विनय कुमार लाल ने भी पूर्व सीएम के समक्ष फिसरी कॉलेज चालू करने की मांग रखी. जिसका असर है कि आज कॉलेज चालू हो गया है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें