Jharkhand news: गुमला जिला अंतर्गत चैनपुर प्रखंड के कुरूमगढ़ रेंज स्थित दौना जंगल से सटे खाली पड़ी अधिसूचित वन भूमि को हरा-भरा जंगल बनाने का काम शुरू हो गया है. जंगल की खाली पड़ी अधिसूचित वन भूमि में अवकृष्ट वनों का पुनर्वास योजना के तहत 45 हेक्टेयर भूमि पर पौधरोपण कराया जा रहा है. पौधारोपण का कार्य वन एवं पर्यावरण विभाग, गुमला द्वारा कराया जा रहा है.
बता दें कि दौना जंगल ज्यादा घना नहीं है. वहीं, जंगल के किनारे का हिस्सा खाली पड़ा हुआ है. जिसे पूरी तरह से जंगल का रूप देकर अधिक घनत्व वाला जंगल बनाने के लिए जंगल के किनारे हिस्से में पौधारोपण कराया जा रहा है. जिसमें विभिन्न प्रकार के फल एवं काष्ठ प्रजाति के वृक्षों का पौधारोपण कराया जायेगा. पौधारोपण के बाद जब पौधे पेड़ का रूप ले लेंगे, तो जंगल पूरी तरह से घना हो जायेगा. जिससे न केवल पर्यावरण को जीवन के अनुकूल बनाये रखने में सहयोग मिलेगा, बल्कि फलदार पेड़ों के फलों का उपयोग अपनी जीविका चलाने में भी कर सकेंगे.
जंगल के किनारे जहां पौधारोपण कराया जा रहा है. वहां एक तालाब भी बनवाया गया है. तालाब बनाने का उद्देश्य यह है कि जंगल में निवास करने वाले विभिन्न प्रकार के जानवर उक्त तालाब का पानी पी सकेंगे. साथ ही जंगल के समीप जो किसान अपने खेतों में खेती-बारी करते हैं. वैसे किसान अपने फसलों में पानी भी पटवन कर सकेंगे. साथ ही जंगल एवं आसपास के क्षेत्रों में नमी भी बनी रहेगी.
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जंगल की खाली भूमि पर पौधारोपण कराने के लिए गड्ढा खुदाई कराने एवं तालाब बनवाने में गांव के लोगों को रोजगार मुहैया कराया है. वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार स्थानीय लोगों को रोजगार मुहैया कराये जाने के बाद लगभग 6000 मानव दिवस का सृजन भी किया गया है. जिससे ग्रामीण लाभान्वित हो रहे हैं. उन्हें काम की तलाश में इधर-उधर भटकने की जरूरत नहीं पड़ रही है.
डीएफओ श्रीकांत ने बताया कि वन विभाग द्वारा दौना जंगल के बाद डोकापाट जंगल में भी पौधारोपण कराने एवं तालाब बनवाने का कार्य कराया जायेगा. यहां मार्च माह में कार्य किया जायेगा. ताकि पाट क्षेत्र के विकास हो और वहां भी ग्रामीण सुविधा के लिए जल की व्यवस्था हो. वन विभाग पीजीजी ट्राइब्स यानी प्रमिटिव ट्राइव ग्रुप के क्षेत्र में रोजगार दे रहा है. ताकि उन लोगो को भी आय प्राप्त हो और वह वनों से लाभान्वित हो सके.
रिपोर्ट : जगरनाथ, गुमला.