Jharkhand news, Gumla news : गुमला (दुर्जय पासवान) : गुमला जिले में पंचायती राज के 14वें वित्त आयोग से बहाल किये गये 20 जूनियर इंजीनियर व 36 कंप्यूटर ऑपरेटर सह लेखा लिपिक संकट में हैं. इन्हें 8 महीने से मानदेय नहीं मिला है. जिसके कारण कई जेई एवं ऑपरेटर के समक्ष आर्थिक संकट उत्पन्न हो गयी है. सबसे ज्यादा परेशानी लॉकडाउन की अवधि में हुई है. मानदेय नहीं मिलने से उधारी में खाने- पीने की सामग्री खरीदनी पड़ी थी.
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इन 56 जेई एवं कंप्यूटर ऑपरेटर की सेवा जनवरी महीने में समाप्त हो जायेगी. इनका अनुबंध दिसंबर तक है. 2021 के जनवरी माह से अनुबंध खत्म हो रहा है. बहाल सभी 56 कर्मी 3 साल से अधिक समय से काम कर रहे हैं. दिसंबर में काम खत्म होते ही एक जनवरी से ये लोग बेरोजगार हो जायेंगे.
सरकार ने अभी तक इन कर्मियों को 15वें वित्त के लिए अवधि विस्तार नहीं किया है, जबकि 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा के आलोक में पंचायतों को विकास के लिए एक बड़ी राशि जिले को उपलब्ध करायी गयी है. लेकिन, इस राशि का उपयोग वेतन या मानदेय आदि भुगतान मद में नहीं किया जा सकता है. इस वजह से 2021 के जनवरी महीने से बिना जूनियर इंजीनियर एवं कंप्यूटर ऑपरेटर के ही पंचायतों में विकास के कार्य संपादित होंगे, जबकि इससे पूर्व 14वें वित्त की राशि में मानदेय आदि को लेकर इस प्रकार का प्रावधान नहीं जोड़ा गया था.
गुमला जिले में 14वें वित्त से वर्तमान में 56 जूनियर इंजीनियर एवं कंप्यूटर ऑपरेटर सह लेखा लिपिक सेवारत हैं. जिले में 12 प्रखंड में 159 पंचायत है. 14वें वित्त से प्रत्येक प्रखंड में जूनियर इंजीनियर एवं पंचायत के अनुसार कंप्यूटर ऑपरेटर बहाल किये गये हैं. ये सभी मार्च 2017 से अपनी सेवा दे रहे हैं. अब 3 साल से ज्यादा का समय हो गया है. काम बंद होने से ये सभी 56 कर्मी बेरोजगार हो जायेंगे. हालांकि, अभी भी इन लोगों को यह उम्मीद है कि सरकार इनका अनुबंध विस्तार करेगी और वे 15वें वित्त में भी काम कर सकेंगे.
जूनियर इंजीनियर एवं कंप्यूटर ऑपरेटरों का काम खत्म होने के बाद पंचायत के विकास पर असर पड़ेगा. 15वें वित्त में राशि के खर्च का लेखा-जोखा रखने में दिक्कत होगी. मापी पुस्तिका, कार्य का आकलन करने आदि सभी काम ठप हो जायेगा. पीएमएफएस (ऑनलाइन भुगतान) सहित अन्य एकाउंट के काम प्रभावित होंगे. ऑनलाइन की जगह ऑफलाइन काम होने से भ्रष्टाचार बढ़ेगा.
गुमला जिले के जेई एवं कंप्यूटर ऑपरेटरों ने कहा है कि 14वें वित्त आयोग अंतर्गत नियुक्त कर्मियों का मासिक मानदेय भुगतान पिछले 8 माह से बंद है. साथ ही प्रतिवर्ष 5 प्रतिशत वार्षिक मानदेय वृद्धि होना है, लेकिन योगदान की तिथि से अबतक 5 प्रतिशत वार्षिक मानदेय वृद्धि का भुगतान नहीं किया गया है. इससे सभी कर्मियों को आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. भुखमरी की स्थिति उत्पन्न होने लगी है. कर्मियों ने कहा कि कोविड-19 जैसी महामारी के समय भी हम सभी कर्मियों के द्वारा लॉकडाउन से लेकर अबतक काम किया गया है, लेकिन समय पर मानदेय भुगतान नहीं होने से कर्मियों को अपने परिवार के पालन- पोषण में दिक्कत हो रही है. कर्मियों ने मानेदय भुगतान की मांग की है. साथ ही जनवरी माह से खत्म हो रहे अनुबंध को दोबारा रेनुवल कराने की मांग की है.
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इस संबंध में गुमला के एलआरडीसी सुषमा नीलम सोरेंग ने कहा कि गुमला जिले के सभी 12 प्रखंड के बीडीओ को पत्राचार कर कंटीजेंसी का पैसा देने के लिए कहा है. जिससे जेई एवं ऑपरेटरों का मानदेय भुगतान हो सके. अबतक 4 प्रखंड गुमला, रायडीह, डुमरी एवं बिशुनपुर के बीडीओ ने कंटीजेंसी का पैसा दिया है. शेष बीडीओ द्वारा जैसे ही पैसा दिया जायेगा. बकाया मानदेय भुगतान होगा. साथ ही 15वें वित्त के लिए सभी जेई एवं ऑपरेटर का रेनवुल होगा.
Posted By : Samir Ranjan.