Jharkhand News: नक्सलियों के आने की सूचना पर उसके गढ़ में घुसी गुमला और लोहरदगा जिला की पुलिस, चला सर्च ऑपरेशन
jharkhand news: नक्सलियों के आने की सूचना पर गुमला और लोहरदगा पुलिस ने संयुक्त रूप से सर्च ऑपरेशन चलाया. लेकिन, पुलिस के आने की भनक लगते ही नक्सलियों ने अपना ठिकाना बदल लिया. पुलिस को गुमला के रिसापाठ गांव में ठहरने की सूचना मिली थी.
Jharkhand news: गुमला और लोहरदगा जिला की पुलिस ने भाकपा माओवादी के खिलाफ संयुक्त छापामारी अभियान चलाया. पुलिस को सूचना मिली थी कि माओवादी कमांडर रवींद्र गंझू, रंथू उरांव और बलराम अपने दस्ते के साथ बिशनपुर प्रखंड के रिसापाठ गांव में ठहरे हुए हैं. इस सूचना के बाद दोनों जिला की पुलिस ने सर्च ऑपरेशन शुरू की, पर नक्सली नहीं मिले. इस दौरान जंगलों में पुलिस ने बाइक और पैदल की नक्सलियों के ठिकाने पर गये. इस दौरान पुलिस के आने की सूचना मिलते ही नक्सलियों ने अपना ठिकाना ही बदल दिया.
इस ऑपरेशन का नेतृत्व लोहरदगा जिला के अभियान एसपी दीपक पांडे, थानेदार घाघरा अभिनव कुमार, किस्को थानेदार अभिनव कुमार ने किया. इस दौरान पुलिस की टीम सेरेंगदाग, लप्सर, कुराग, चूल्हामाटी, रिसापाठ, चिरोपाठ के अलावा कई पहाड़ी इलाके पर स्थित गांव व जंगल में सर्च ऑपरेशन चलाया. पुलिस दिनभर नक्सलियों की तलाश करते नजर आयी. हालांकि नक्सली नहीं मिले.
पुलिस सूत्रों के अनुसार, अभियान की सूचना के बाद नक्सलियों ने अपना ठिकाना बदल लिया. जिस कारण जब पुलिस पहुंची, तो रिसापाठ में नक्सली नहीं दिखे. बता दें कि दो दिन पूर्व लोहरदगा जिला के सेन्हा प्रखंड के कई गांवों में भाकपा माओवादी द्वारा पोस्टरबाजी की गयी थी. जिसके बाद से पुलिस द्वारा लगातार सर्च ऑपरेशन किया जा रहा है.
Also Read: गुमला में भैंस बथान बॉक्साइट माइंस बंद, सैंकड़ों का रोजगार छीनाअभियान एसपी ने कहा कि सर्च ऑपरेशन के दौरान क्षेत्र की ओर आये थे. अभी माओवादी के खिलाफ लगातार सर्च ऑपरेशन जारी रहेगा. माओवादी सरेंडर करें नहीं, तो जान से हाथ धोना पड़ेगा. सरकार की सरेंडर पॉलिसी के तहत लाभ भी ले सकते हैं. अभियान में सैकड़ों की संख्या में पुलिस के जवान थे.
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि नक्सलियों के लिए सरेंडर पॉलिसी कारगर है. अब भी समय है. नक्सली मुख्यधारा में लौट जाये. मुख्यधारा में लौटे बिना नक्सलियों का भला नहीं है. साथ ही चेतावनी देते हुए कहा गया कि नक्सली मुख्यधारा में नहीं लौटेंगे, तो उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा.
रिपोर्ट: अजीत साहू, घाघरा, गुमला.