यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के अह्वान पर गुमला शहर में दूसरे दिन भी सभी सरकारी बैंक के कर्मी हड़ताल पर रहे. जिस कारण दूर दराज से आये ग्राहकों को वापस लौटना पड़ा. सरकारी बैंकों के कर्मचारी और अधिकारी के दो दिनों तक हड़ताल में रहने से 80 करोड़ रुपये का व्यवसाय प्रभावित रहा.
मेन रोड स्थित बैंक ऑफ इंडिया शाखा गेट के बाहर धरना में बैठे अधिकारियो के नेता गौरीशंकर शाही ने कहा कि पूर्व की सरकार ने देश हित में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का राष्ट्रीयकरण कर सरकारीकरण किया. इसके उलट वर्तमान सरकार ने सभी सरकारी बैंकों क निजीकरण कर अपने हित के लिये पूंजीपतियों के हाथों बेचने जा रही है. देश के सरकारी संपत्तियों को दूसरे के हाथों में बेचना घोर अपराध है. हम सरकार को ऐसा करने नहीं देंगे.
मौके पर शिवजी प्रसाद, निपुन कुमार, फिलिप टोप्पो, रामकिशोर रजक, अर्शदिल टोप्पो, शशि केरकेट्टा, दीपक बिलुंग, नंदिता कुमारी, लीली देवी, कमला देवी, शनियारो देवी, निलिमा देवी, छोटू कुमार, भीमा कुमार, उमेश कुमार, दीनिश गोप, महिंद्र राम समेत अन्य मौजूद थे.