गुमला के सभी गांवों में 25 मई से शुरू होगी कोविड जांच, डीसी ने जारी किया दिशा निर्देश

श्री सिन्हा ने प्रखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड जांच, होम आइसोलेशन किट के वितरण, एंबुलेंस की उपलब्धता, आइसोलेशन केंद्र की स्थापना, मृत्यु की स्थिति में शवों के प्रबंधन तथा कोविड-19 से बचाव हेतु प्रचार-प्रसार के संबंध में दिशा निर्देश जारी करते हुए उस पर काम करने के लिए सभी अधिकारियों को कहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | May 21, 2021 12:01 PM

Coronavirus in gumla jharkhand गुमला : गुमला के उपायुक्त शिशिर कुमार सिन्हा ने ग्रामीण क्षेत्रों में रैपिड टेस्ट आधारित जांच से संबंधित दिशा-निर्देश जारी किये हैं. 25 मई से पांच जून तक सभी प्रखंड के गांवों में रैट आधारित कोविड जांच की जायेगी.

श्री सिन्हा ने प्रखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड जांच, होम आइसोलेशन किट के वितरण, एंबुलेंस की उपलब्धता, आइसोलेशन केंद्र की स्थापना, मृत्यु की स्थिति में शवों के प्रबंधन तथा कोविड-19 से बचाव हेतु प्रचार-प्रसार के संबंध में दिशा निर्देश जारी करते हुए उस पर काम करने के लिए सभी अधिकारियों को कहा है.

डीसी ने जारी किया दिशा निर्देश

प्रखंडों में कोविड टास्क फोर्स का गठन करना है. प्रत्येक सप्ताह तीन दिन (सोमवार, बुधवार एवं शुक्रवार) अनिवार्य रूप से बैठक होगी.

भ्रमण किये जाने वाले गांवों की आबादी तथा संक्रमण की दर का आकलन करते हुए पर्याप्त मात्रा में होम आइसोलेशन किट उपलब्ध करना है.

ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर सर्वे तथा सर्वे के आलोक में रैट जांच हेतु दो पृथक दलों का पंचायतवार गठन करना है, ताकि जांच तेजी से हो सके.

सर्वे दल तथा जांच दल के सदस्यों को समुचित प्रशिक्षण दिया जाये. पर्याप्त संख्या में पूर्व प्रिंटेड रिपोर्टिंग फॉर्मेट भी उपलब्ध कराना है.

सर्वे दल तथा जांच दल को पीपीई किट, रैट किट, पल्स ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर, सैनिटाईजर तथा होम आईसोलेशन किट देना है.

प्रखंड स्तरीय सीएचसी, पीएचसी, स्थानीय हाट-बाजार तथा बीडीओ के कार्यालय परिसर में रैट किट जांच केंद्र की स्थापना होगी.

आईसोलेशन केंद्र के रूप में कोविड केयर सेंटर की स्थापना का आदेश निर्गत करना है. उक्त केयर सेंटर का एक नोडल इंचार्ज होगा.

कोविड केयर सेंटर (आईसोलेशन केंद्र) हेतु चिकित्सा पदाधिकारी तथा पारा मेडिकल कर्मी नामित किये जायेंगे, जो सभी काम देखेंगे.

कोविड केयर सेंटर (आईसोलेशन केंद्र) में भोजन, समुचित सुरक्षा, दवा, पल्स ऑक्सीमीटर आदि की उपलब्धता सुनिश्चित करना है.

प्रखंड स्तर पर कम से कम दो एंबुलेंस होना जरूरी है. एंबलेंस चालक का मोबाइल नंबर जारी होगा. प्रखंड स्तरीय कंट्रोल रूम बनेगा.

प्रत्येक श्मशान घाट, शवदाह गृह, कब्रिस्तान हेतु एक नोडल पदाधिकारी नामित किया जायेगा. मृत व्यक्तियों की विवरणी संधारित होगी.

प्रचार-प्रसार हेतु दीवार लेखन, पम्पलेट, अखबार, जिंगल एवं वीडियो इत्यादि का उपयोग करें

Posted By : Sameer Oraon

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