Gumla Court: कृषि वैज्ञानिक व मछली विशेषज्ञ की हत्या करने के तीन दोषियों को आजीवन कारावास, गुमला की अदालत ने सुनायी सजा

Gumla Court: कृषि वैज्ञानिक लोकेश पुत्तास्वामी व मछली विशेषज्ञ मददिला देवदासु की हत्या के तीन दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी है. गुमला की अदालत ने सोमवार को सजा सुनायी. 2021 में अपराधियों ने इनकी हत्या कर दी थी.

By Guru Swarup Mishra | July 1, 2024 7:30 PM
an image

Gumla Court: गुमला, दुर्जय पासवान-झारखंड के चर्चित कृषि वैज्ञानिक (कर्नाटक के मैसूर निवासी) लोकेश पुत्तास्वामी व मछली विशेषज्ञ (आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम निवासी) मददिला देवदासु हत्याकांड में सोमवार को एडीजे-चार संजीव भाटिया की अदालत ने फैसला सुनाया. इसमें घाघरा जगबगीचा निवासी आनंद उरांव उर्फ आनंद तिग्गा, तेंदार नवाटोली निवासी अर्पण उरांव उर्फ तेतरू उरांव व बसंत उरांव को आजीवन कारावास की सजा सुनायी. वहीं विभिन्न धाराओं में सजा सुनाते हुए लाखों रुपए का जुर्माना लगाया गया है. इस मामले में सरकारी पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक मोहम्मद जावेद हुसैन ने पैरवी की.

गला रेतकर दोनों की कर दी गयी थी हत्या

गुमला की ये घटना 23 अगस्त 2021 की है. घटना की रात्रि घाघरा प्रखंड मुख्यालय स्थित महदनिया केला बगान में मैसूर से आकर इलाके में किसानों के बीच केला, स्ट्रॉबेरी, तरबूज, मशरूम की खेती का प्रशिक्षण देने वाले वैज्ञानिक लोकेश पुत्तास्वामी व आंध्र प्रदेश के मछली विशेषज्ञ मददिला देवदासु की निर्मम हत्या अभियुक्तों द्वारा गला रेत कर की गयी थी. इसके बाद इलाके में काफी सनसनी फैल गयी थी. घटना के बाद पुलिस भी काफी दबाव में थी. घटना के करीब एक सप्ताह के बाद आरोपियों की गिरफ्तारी हुई थी. इसके बाद हत्याकांड का खुलासा हुआ था.

रुपए लूटने का विरोध करने पर कर दी थी हत्या

कृषि वैज्ञानिक लाकेश व मददिला की हत्या से पहले अभियुक्तों ने उनसे रंगदारी मांगी थी. इस दौरान लोकेश ने पैसा बाद में देने की बात कही थी. इतने में अभियुक्तों ने कृषि वैज्ञानिक की पॉकेट से पैसा लूट लिए थे. इसका विरोध करने पर अभियुक्तों ने पहले लोकेश को चाकू से गला रेत दिया. उसके बाद मददिला पर तेज धारधार हथियार से वार कर उनकी भी हत्या कर दी. हत्या के बाद अभियुक्त लोकेश का बाइक लेकर भाग गया था और भंडरा के समीप बाइक जला दी थी. अनुसंधान के क्रम में आरोपियों का नाम सामने आया और गिरफ्तारी हुई थी.

इन धाराओं में सुनायी गयी सजा

आईपीसी की धारा 302, 34 के तहत आजीवन कारावास की सजा व पांच–पांच लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है. जुर्माने की राशि नहीं देने पर तीन-तीन साल की सजा भुगतनी पड़ सकती है. इसी प्रकार अदालत ने धारा 394, 34 के तहत तीनों को आजीवन कारावास व एक-एक लाख रुपए जुर्माना लगाया है. धारा 460, 34 के तहत तीनों को आजीवन कारावास व एक-एक लाख जुर्माना लगाया है. जुर्माना नहीं देने पर तीन साल अतिरिक्त सजा काटनी होगी. धारा 435 के तहत सात साल का कारावास व दस हजार जुर्माना लगाया है. वहीं धारा 411 के तहत तीन साल कारावास व दस हजार जुर्माना लगाया गया है.

Also Read: गुमला : कांग्रेस नेता को पशु तस्करों ने मारी गोली, लोगों ने दो को घेर कर पीटा

Exit mobile version