दुर्जय पासवान, गुमला : नगर परिषद के अधिकारी क्या बदले, शहर का विकास ही ठप हो गया. गुमला शहर के विकास के लिए इधर, कई महीनों से कोई प्लान नहीं बना है और न ही शहर को सुंदर व स्वच्छ बनाने पर काम हो रहा है. जबकि नगर परिषद में प्रशासक, सिटी मैनेजर से लेकर लेकर कई अधिकारी, इंजीनियर व कर्मी हैं. इसके बाद भी शहर के विकास के लिए कोई प्लानिंग तैयार नहीं है. स्थिति यह है कि आम पब्लिक जिन मुद्दों को उठा रही है, उन मुद्दों पर भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है. चेंबर ऑफ काॅमर्स लगातार गुमला शहर के विकास की मांग कर रहा है. यहां तक कि लिखित ज्ञापन भी हाकिम से लेकर नगर प्रशासक को दिया गया. इसके बाद भी हाकिम व प्रशासक आंख बंद किये हुए हैं. अभी का जो मौसम है. शहर के विकास के लिए अनुकूल है. न बारिश है और न तेज धूप. ऐसे में शहर के विकास के लिए प्लानिंग कर तेजी से सड़कें, नाली, पुल-पुलिया का निर्माण किया जा सकता है. परंतु, जिन योजनाओं के लिए पूर्व में प्लानिंग बनी थी, उस पर भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है. नगर परिषद आम जनता को सुविधा देने के लिए क्या काम कर रहा है. इसका पता भी किसी को नहीं चल रहा है. इधर, गुमला शहर का विकास ठप होने से लोगों की नाराजगी बढ़ रही है. निवर्तमान अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व पार्षद भी परेशान हैं. क्योंकि, जब तक इनका कार्यकाल रहा. ये लोग अपने मुहल्ले के विकास के लिए काम करते रहे, परंतु, उनका कार्यकाल खत्म होते शहर का विकास ठप हो गया है. चौंकाने वाली बात यह है कि हाकिम साहब भी शहर के विकास पर ध्यान नहीं दे रहे हैं. जबकि, कुछ महीना पहले ही पीएम ने गुमला को बेस्ट जिला का पुरस्कार दिया है. इसके बाद भी गुमला शहर में विकास का काम नहीं दिख रहा है. यहां तक कि हर घर में पानी पहुंचाने की जो योजना है, वह गुमला शहर में फेल है. गुमला शहर की कई महत्वपूर्ण व लाइफ लाइन सड़कें चलने लायक नहीं हैं. अधिकारी खुद जांच कर चुके हैं, परंतु, सड़क कब बनेगी. इसका जवाब किसी अधिकारी के पास नहीं है. गुमला शहर की जो स्थिति है. यहां सिर्फ राजस्व वसूली की जा रही है. परंतु, जनता को जरूरत की चीजें व सुविधाएं नहीं मिल रही हैं. शहर के गली मुहल्लों के बिजली पोल में स्ट्रीट लाइट व बल्ब नहीं है. अगर है, तो फ्यूज हो गया है. क्योंकि, कमीशन के फेर में घटिया क्वालिटी का बल्ब लगा दिया गया, जो अब बेकार है.
Also Read: गुमला : तीन युवकों ने कार सवार संग की मारपीट, गिरफ्तार