गुमला में अफीम की खेती के खिलाफ जिला प्रशासन का बड़ा अभियान, 18 होमगार्ड जवान ड्रोन से रखेंगे विशेष नजर

अफीम की खेती की रोकथाम को लेकर गुमला प्रशासन गंभीर है. डीसी सुशांत गौरव ने इसकी रोकथाम पर जोर दिया. वहीं, जंगल के आंतरिक गांवों में ड्रोन कैमरा की सहायता से नजर रखने के लिए 18 होमगार्ड जवानों को ट्रेनिंग देने का निर्देश दिया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 8, 2023 9:07 PM
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गुमला, जगरनाथ पासवान : नार्को कोआर्डिनेशन सेंटर (एनसीओआरडी) की जिला स्तरीय कमेटी की बैठक बुधवार को गुमला डीसी सुशांत गौरव की अध्यक्षता में हुई. बैठक में जिले में नशीले पदार्थो के उत्पादन एवं बिक्री के रोकथाम पर विचार-विमर्श किया गया. डीसी ने जिले में अफीम की खेती की रोकथाम के लिए पुलिस प्रशासन की टीम को आवश्यक तैयारी करने का निर्देश दिया. कहा कि कुछ दिनों पूर्व ही जंगल के बीच अफीम की अवैध खेती को नष्ट किया गया है. प्रयास करें, कि जिले में कहीं भी अफीम की खेती न हो.

18 होमगार्ड जवानों को ड्राेन कैमरा चलाने की मिलेगी ट्रेनिंग

डीसी ने कहा कि कृषि विभाग के एटीएम-बीटीएम आदि को अफीम की खेती से संबंधित ट्रेनिंग दें, ताकि दोबारा इस प्रकार की खेती कहीं हो रही हो, तो उसे पहचानते हुए उनके द्वारा त्वरित रूप से सूचना मिल सके और खेती को नष्ट करने के साथ ही खेती करने वाले खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके. कहा कि अफीम की खेती को खत्म करने के लिए ड्रोन कैमरा की सहायता से जंगल के आंतरिक क्षेत्रों में भी नजर रखे. इसके लिए जिले के 18 होमगार्ड को चयनित कर उन्हें ड्रोन कैमरा चलाने का प्रशिक्षण देने का निर्देश दिया.

कॉलेज के बाहर दुकानों की जांच करें

अवैध रूप से अफीम की खेती की पूरी प्रक्रिया को समझने के लिए अन्य जिलों में भी जाकर देखने का निर्देश दिया. डीसी ने जिले के नामी विद्यालय एवं कॉलेज के 100 गज की दूरी के अंतर्गत वाले सभी दुकानों में नियमित रूप से जांच करते रहे. उन्होंने कहा कि विद्यालय एवं कॉलेज के बाहर की दुकानों में गांजा, अफीम आदि की अवैध रूप से बिक्री की संभावना होती है. जिसपर निगरानी रखना बेहद आवश्यक है.

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झोलाछाप डॉक्टरों की पहचान करें

डीसी ने झोलाछाप डॉक्टरों को भी चिह्नित करते हुए छापामारी करने का निर्देश दिया. कहा कि ऐसे बहुत सारे डॉक्टर हैं जो दवा के नाम पर अफीम देते हैं. जिस कारण मरीजों को थोड़ी देर के लिए दर्द से राहत मिलती है. लेकिन, बीमारी जड़ से कभी खत्म नहीं होती और अंत में मरीज उस झोलाछाप डॉक्टर के दवा के आदि हो जाते हैं. बैठक में वन प्रमंडल पदाधिकारी बेलाल अहमद, सदर अनुमंडल पदाधिकारी रवि जैन, बसिया एसडीओ संजय पीएम कुजूर, सिविल सर्जन डॉ राजू कच्छप सहित अन्य पदाधिकारी एवं कर्मी मौजूद थे.

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