Gumla double murder: चैनपुर थाना के बुकमा गांव में अंधविश्वास में हुई दंपती की हत्या की घटना को रोका जा सकता था. परंतु प्रशासन सक्रिय नहीं हुआ. जिसके कारण दंपती को अपनी जान गंवानी पड़ी. ग्रामीणों के अनुसार शुक्रवार को गांव में पंचायती हुई थी. जिसमें लुंदरा चीक बड़ाइक व रविंद्र चीक बड़ाइक के बीच के विवाद सलटाने की पहल की गयी थी. परंतु भरी पंचायत में ही दोनों पक्ष आपस में लड़ने लगे. मारपीट तक हुई. पंचायत में मामला नहीं सलटा.
अंत में ग्रामीणों ने चैनपुर थाना को एक लिखित आवेदन सौंपा. जिसमें लुंदरा व रविंद्र के परिवार के बीच के विवाद के बारे में बताया गया. साथ ही दोनों पक्ष में खूनी संघर्ष होने की आशंका व्यक्त करते हुए जानकारी दी गयी. ग्रामीण थाने को आवेदन देकर बेफिक्र हो गये. पुलिस ने भी दूसरे दिन गांव जाकर मामला सलटाने की सोच रखते हुए कार्रवाई नहीं की. जिसका नतीजा है. शुक्रवार की रात को ही रविंद्र चीक बड़ाइक की मां सुमित्रा देवी टांगी लेकर लुंदरा चीक बड़ाइक के घर पहुंच गयी.
उन्होंने लुंदरा व उसकी पत्नी फुलमा देवी की बेरहमी से टांगी से काट कर हत्या कर दी. सुमित्रा ने जेठ व जेठानी की हत्या करने के बाद अपने घर पहुंची. उन्होंने लुंदरा व फुलवा की हत्या करने की जानकारी अपने परिजनों को दी. इसके बाद वह खून से सने टांगी को लेकर चैनपुर थाना पहुंची और सरेंडर कर दी. इसके बाद पुलिस रात को बुकमा गांव पहुंची और दोनों शवों को कब्जे में लिया.
समझाने गयी, परंतु कर दी हत्या
आरोपी सुमित्रा की बेटी सुनैना देवी ने बताया कि उसके घर की एक बच्ची बीमार है. वह ठीक नहीं हो रही है. हर समय बड़बड़ाती रहती है. परिवार को शक था कि लुंदरा व फुलवा ने उसके घर के लोगों पर डायन बिसाही कर दिया है. जिससे बच्ची बीमार हो गयी और वह ठीक नहीं हो रही है. पूर्व में एक बच्ची की मौत बीमारी से हो चुकी है. अपनी बेटी की बीमारी ठीक नहीं होता देख सुमित्रा आक्रोश में आ गयी. वह लुंदरा व फुलवा को समझाने जा रही है कह कर घर से निकली. परंतु वह लुंदरा के घर जाकर दोनों की हत्या कर दी.
ग्राम प्रधान के साथ भी धक्का मुक्की हुई थी : ग्राम प्रधान जयराम भगत व पूर्व ग्राम प्रधान किशुन भगत ने बताया कि सुबह ही लुंदरा मेरे पास आया और कहा कि सुमित्रा व उसके परिवार वाले मुझे बार-बार जान मारने की धमकी दे रहे हैं. ग्रामसभा कर मामले को सुलझा दे. जिसके बाद दोपहर 2.00 बजे घंट बजवा कर सभी ग्रामीणों को एकत्रित किया गया और बैठक की गयी. बैठक में दोनों परिवार को काफी समझाया बुझाया गया. परंतु सुमित्रा देवी का परिवार व उसका बेटा रविंद्र चीक बड़ाइक काफी उग्र हो गया था.
किसी की बात नहीं सुन रहा था. ग्राम सभा में ही लड़ाई झगड़ा करने लगा. लाठी से लुंदरा की पिटाई कर दी. छुड़ाने के क्रम में ग्राम प्रधान के साथ भी धक्का-मुक्की की. जिसके बाद ग्रामीणों ने कहा कि आप लोग का विवाद ज्यादा बढ़ रहा है. आप थाना जाकर इसकी सूचना दें. जिसके बाद 4:00 बजे दोनों वृद्ध दंपती थाना गये और सूचना देकर गांव लौट गये. जिसके बाद रात 9:00 बजे दोनों की हत्या हो गयी. उन्होंने बताया कि तीन वर्ष पूर्व भी दोनों परिवार के बीच काफी विवाद हुआ था. जिसे लेकर ग्राम सभा की गयी थी. ग्राम सभा में 20 हजार रुपये का बांड भी लिखवाया गया था.
आगे से इस तरह का झगड़ा झंझट नहीं करने के लिए कहा गया था. जिसके बाद भी आये दिन दोनों परिवार में विवाद उत्पन्न होता रहता था. इस संबंध में थाना प्रभारी ने बताया कि दोनों दंपती थाना आये थे. उन लोगों ने कहा कि गांव में इस तरह का विवाद हुआ. जिसके बाद थाना द्वारा उन्हें फोन नंबर दिया गया और कहा गया कि अगर इस तरह से कुछ बात होती है तो फोन कर जानकारी दें.
घर मे अकेले रहते थे वृद्ध दंपती : लुंदरा व फुलमा के दो बेटे हैं. एक बेटा लोहरदगा में रहता है. दूसरा बेटा बंगाल में काम करता है. सभी बेटियों का विवाह हो चुका है. दोनों दंपती घर में अकेले रहते थे. ग्रामीणों द्वारा मृतक के दोनों बेटों को सूचना दी गयी है.