गुमला की बंजरभूमि पर अब लहलहाएंगे अर्जुन, आसन, शीशम और गम्हार के पौधे, तसर की खेती से किसानों को होगा लाभ
कृषि की प्रधानता वाले गुमला जिले की बंजर भूमि अब तसर की खेती के लिए जाना जाएगा. यहां की चिन्हित बंजर भूमि पर अर्जुन, आसन, शीशम और गम्हार के पौधे लगाए जायेंगे. इसके लिए उपायुक्त गुमला सुशांत गौरव की अध्यक्षता में जिला में तसर की खेती को लेकर त्रिपक्षीय समझौता हुआ है.
कृषि की प्रधानता वाले गुमला जिले की बंजर भूमि अब तसर की खेती के लिए जाना जाएगा. यहां की चिन्हित बंजर भूमि पर अर्जुन, आसन, शीशम और गम्हार के पौधे लगाए जायेंगे. इसके लिए उपायुक्त गुमला सुशांत गौरव की अध्यक्षता में जिला प्रशासन, कोगनीस्फेयर प्राइवेट लिमिटेड एवं तसर डेवलपमेंट फाउंडेशन के बीच एक त्रिपक्षीय समझौता हुआ है. यह एमओयू तसर सेरी कल्चर आजीविका प्रोजेक्ट को लेकर किया गया है.
क्या है एमओयू की शर्तें
एमओयू के मुताबिक एक साल तक तसर प्लांट उगाने के सारे खर्च जर्मनी की कंपनी क्लाइमेट पार्टनर उठायेगी. वहीं तसर डेवलपमेंट फाउंडेशन किसानों को तकनीकी और प्रबंधकीय सहायता प्रदान करेगी. जबकि जिला प्रशासन इस परियोजना में सिंचाई के संसाधन इंटरक्रोपिंग और अन्य आवश्यकताओं को विभिन्न विभागों की योजनाओं का अभिसरण करके इसके लक्ष्य की पूर्ति में सहयोग करेगा. कोग्नी स्फेयर सॉल्यूशन ने इस परियोजना में निवेश की जुगाड़ क्लाइमेट पार्टनर से किया है.
किसानों की सहमति से लगेंगे पौधें
जिले के क्लाइमेट के अनुसार अर्जुन, आसन, शीशम और गम्हार के पौधे किसानों की सहमति से उनके खाली बंजर भूमि में उगाये जायेंगे. जिला प्रशासन की सहायता से तसर डेवलपमेंट फाउंडेशन किसानों को न केवल तकनीकी सहायता देगा बल्कि प्रबंधकीय कुशलता के लिए एक जिला स्तरीय कॉपरेटिव सोसायटी का भी निर्माण करेगा जो किसानों का अपना होगा. यह कोऑपरेटिव किसानों से कुकुन की खरीदारी, धागा निर्माण और उसकी बिक्री को संचालन करने के साथ साथ पूरा प्रबंधकीय व्यवस्था और देखभाल करेगा. ताकि किसानों का अधिक से अधिक लाभ हो सके.
एक हजार एकड़ पर लगेगा प्रोजेक्ट
यह परियोजना 1000 एकड़ की भूमि पर 1500 किसानों के बीच क्रियान्वित किया जायेगा. इस परियोजना को फूलप्रूव बिजनेस मॉडल तैयार करने के लिए जिले के उपायुक्त सुशांत गौरव ने बसिया एसडीओ संजय पीएम कुजूर के नेतृत्व में एक विस्तृत कमेटी बनायी है. जिसमें जिला कृषि, उद्यान, भूमि संरक्षण एवं जेएसएलपीएस के पदाधिकारी के साथ साथ मनरेगा कर्मी को भी शामिल किया गया है. क्लाइमेट पार्टनर के विश्व टीम लीड नेचर बेस्ड सोल्यूशन निर्मल देवरा ने बताया कि उनकी कंपनी वृक्षारोपण की योजना को क्रियान्वित करने में मदद करता है. क्योंकि वृक्षारोपण से ग्रीन हाउस गैसेस जैसे पौधों में अवशोषित होकर खत्म हो जाती है. गुमला जिले में इस परियोजना को क्लाइमेट पार्टनर समर्थन किया है.
क्या कहते हैं उपायुक्त
उपायुक्त ने कहा कि जिला प्रशासन कृषि को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लगातार प्रयासरत है. इस एमओयू का मुख्य उद्देश्य किसानों के बंजर पड़े जमीन का पुनः उपयोग करते हुए खेती की जा सके. किसानों की आर्थिक स्थिति में फायदा हो सके. उन्होंने कहा कि फाउंडेशन की ओर से उन जमीन को ही चिन्हित किया जायेगा जो पूर्ण रूप से बंजर है. इससे उन किसानों को सहायता मिलेगा जो बंजर जमीन के होने से मायूस थे. इस योजना को सफल बनाने हेतु जिला प्रशासन को पूरी टीम इसका मॉनिटर करेगी.
रिपोर्ट : दुर्जय पासवान, गुमला