गुमला प्रखंड के रकमसेरा गांव का 24 वर्षीय कृष्णा उरांव मौत से जूझ रहा है. उसके शरीर में खून की कमी है. पेशाब भी बंद नहीं हो रहा है. वह महीनों से इस बीमारी से पीड़ित है. परंतु रिश्तेदारों ने उसे अपने हाल पर छोड़ दिया. सदर अस्पताल गुमला में भी कृष्णा को भर्ती करने से इंकार कर दिया गया था. जिससे वह सदर अस्पताल के बाहर दीवार में बोरा बिछा कर सो गया था और आने-जाने वाले लोगों से अपनी जान बचाने की गुहार लगा रहा था. प्रभात खबर को जैसे ही मामले की सूचना मिली. तुरंत इसकी जानकारी टवीटर के माध्यम से मंत्री चंपई सोरेन को दी गयी.
मंत्री ने मामले को गंभीरता से लेते हुए गुमला उपायुक्त शिशिर कुमार सिन्हा को कृष्णा को अस्पताल में भर्ती कर इलाज की व्यवस्था कराने का निर्देश दिया. वहीं प्रभात खबर ने सिविल सर्जन डॉ राजू कच्छप के फोन नंबर पर संपर्क किया. परंतु सीएस से बात नहीं हुई. इसके बाद गुमला सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ आनंद किशोर उरांव से फोन पर बात की गयी.
डीएस डॉ उरांव ने मामले को गंभीरता से लेते हुए वे खुद अपने कार्यालय से बाहर निकले और मरीज के पास पहुंचकर उसकी स्थिति को देखते हुए तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया. डीएस ने कहा कि कृष्णा को अस्पताल में भर्ती कर इलाज शुरू कर दिया गया है.
कृष्णा उरांव का घर रकमसेरा गांव है. वह एक अच्छा फुटबॉलर भी है. परंतु एक साल पहले फुटबॉल खेलने के दौरान उसे गंभीर चोट लगी. जिससे वह बीमार हो गया. इसके बाद धीरे-धीरे वह कमजोर होने लगा. उसके शरीर में खून की कमी हो गयी. पेशाब भी रूकने का नाम नहीं ले रहा है. जब भी पानी पीता है. उसका पेशाब चालू हो जाता है. उसके माता पिता का भी निधन हो गया है.
एक बहन है. वह भी गरीबी के कारण दूसरे राज्य पलायन कर गयी है. गांव में उसके रिश्तेदार हैं. परंतु किसी ने भी उसकी मदद नहीं की. जिस कारण वह अकेले गुमला आ गया. एक माह पहले वह गुमला आकर अस्पताल में इलाज कराया. एक यूनिट खून चढ़ाया गया. फिर उसे अस्पताल से छुटटी दे दी गयी. परंतु फिर उसकी स्थिति खराब हो गयी तो अस्पताल ने भर्ती लेने से इंकार कर दिया था. शुक्रवार को युवक रूपेश भगत की सूचना पर प्रभात खबर की पहल पर कृष्णा के इलाज की व्यवस्था की गयी.