झारखंड : गुमला के केके मिश्रा बने कलकत्ता यूनिवर्सिटी के संस्कृत विभागाध्यक्ष, लिख चुके हैं कई पुस्तकें
गुमला के कृष्ण किशोर मिश्रा कलकत्ता यूनिवर्सिटी के संस्कृत विभाग के अध्यक्ष बने हैं. उन्होंने कई पुस्तकें भी लिखी हैं. इनमें पांडुलिपि में लिखी गयी श्रीमद्भागवत गीता एवं संस्कृत में पांडुलिपि का संग्रह महत्वपूर्ण है.
गुमला, दुर्जय पासवान : गुमला के कृष्ण किशोर मिश्रा यानी केके मिश्रा कलकत्ता यूनिवर्सिटी के संस्कृत विभाग के विभागाध्यक्ष बने हैं. उनका पैतृक घर गुमला शहर के ज्योति संघ भवन के समीप है. वे सिविल कोर्ट के अधिवक्ता नंद किशोर मिश्रा के सबसे बड़े पुत्र हैं. केके मिश्रा ने कई पुस्तकें लिखी है. कई पुरस्कार भी जीते हैं. कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं. उनके द्वारा पांडुलिपि में लिखी गयी श्रीमदभागवत गीता एवं संस्कृत में पांडुलिपि का संग्रह पुस्तक महत्वपूर्ण है.
राजकीय मध्य विद्यालय, गुमला के छात्र रह चुके हैं केके मिश्रा
वर्ष 2009 से 2013 तक आईसीएसएसआर में विदेश मंत्रालय सांस्कृतिक निदेशक सुआ फिजी में विवेकानंद भारतीय सांस्कृतिक कमीशन में डिपूटेशन पर थे. श्री मिश्रा की प्रारंभिक शिक्षा गुमला से हुई है. वर्ग एक से लेकर स्नातक तक की पढ़ाई गुमला से की. सबसे बड़ी बात है कि राजकीय मध्य विद्यालय, गुमला मुख्यालय में भी पढ़े. आज इस स्कूल में मध्यम वर्ग के बच्चे पढ़ना नहीं चाहते हैं. लेकिन, श्री मिश्रा ने इसी स्कूल से शिक्षा ग्रहण कर बुलंदी को छूआ है.
वर्ग एक से स्नातक की पढ़ाई गुमला से की
कमल किशोर मिश्रा के छोटे भाई गोपी किशोर मिश्रा ने बताया कि हम चार भाई-बहनों में कमल किशोर मिश्रा सबसे बड़े हैं. उससे छोटा मैं गोपी किशोर मिश्रा हूं. मैं पेशे से सरकारी शिक्षक हूं. वहीं, तीसरे नंबर में बहन ज्योत्सना मिश्रा है. वह मीडिल स्कूल में एचएम के पद पर है. छोटी बहन मधुश्री मिश्रा खूंटी जिला में सीओ के पद पर है. वहीं, उनके छोटे भाई की बहू इंदू पांडेय सिविल कोर्ट, गुमला में अधिवक्ता है. उन्होंने बताया कि उनके बड़े भाई कमल किशोर मिश्रा की प्रारंभ शिक्षा वर्ग एक से वर्ग तीन तक सरस्वती शिशु मंदिर, गुमला में हुई थी. वहीं वर्ग चार से वर्ग छह तक की शिक्षा राजकीय मवि मुख्यालय, गुमला में हुई थी. वर्ग सात से वर्ग दसवीं तक की पढ़ाई उन्होंने एसएस बालक प्लस टू उवि, गुमला से की. इंटर व बीए संस्कृत ऑनर्स से कार्तिक उरांव कॉलेज, गुमला से पूरी की. एमए व एमपीएचआईएल पीएचडी की डिग्री संस्कृत में दिल्ली यूनिवर्सिटी से पूरी की. पोस्ट डॉक्टर रिसर्च आईसीएसएसआर फेलो संस्कृत डिपार्टमेंट से जवाहर नवोदय यूनिवर्सिटी से पूरी की. इसके बाद श्री रणवीर संस्कृत रिसर्च इंस्टीच्यूट में एसोसिएट, रिसर्च साइंटिस्ट व रिसर्च ज्वाइंट डायरेक्टर एकेडमिक थे.
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संस्कृत के जानकार हैं केके मिश्रा
केके मिश्रा संगीत नाटक एकेडमी दिल्ली सांस्कृतिक मंत्रालय भारत सरकार में रिसर्च कंस्लटेंट कम एडवाइजर भी रहे. वर्ष 2008 में कलकत्ता यूनिवर्सिटी में पीजी डिपार्टमेंट में असिस्टेंट प्रोफेसर बनें. उसके बाद वर्ष 2009 में आईसीएसएसआर में विदेश मंत्रालय सांस्कृतिक निदेशक सुआ फिजी में विवेकानंद भारतीय सांस्कृतिक कमीशन में 2013 तक डिपूटेशन पर थे. छोटे भाई ने बताया कि वर्ष 2021 में उनकी द्वारा पांडुलिपि में लिखी गयी श्रीमद्भागवत गीता के 11 वाल्यूम का विमोचन पीएम नरेंद्र मोदी ने किया था. वहीं, वर्ष 2022 में संस्कृत में पांडुलिपि का संग्रह पुस्तक तीन वाल्यूम में का विमोचन मुरली मनोहर जोशी सहित अन्य नेताओं ने किया था. नौ मार्च, 2023 में मुंडकों उपनिदेशक पुस्तक का विमोचन उपराष्ट्रपति जगदीश धनकड़ ने किया है. गोपी किशोर मिश्रा ने कहा कि उनके संस्कृत विभागाध्यक्ष बनने पर उनके घर में शुभचिंतकों के बधाई देने का तांता लगा है. बता दें कि श्री मिश्रा संस्कृत के विद्वानों में से एक हैं.