गुमला (दुर्जय पासवान): गुमला पुलिस को प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी से भागे नक्सली निर्मल मिंज की तलाश है. निर्मल मूल रूप से लातेहार जिला के महुआडांड़ का रहने वाला है. लेकिन कुछ साल पहले वह अपने ही भाकपा माओवादी संगठन को चकमा देकर हथियार लेकर भाग गया था. इसके बाद से उसका कोई पता नहीं है. परंतु निर्मल गुमला जिला के डुमरी, चैनपुर इलाके में अक्सर घुसकर किसी ने किसी अपराधिक घटना को अंजाम देते रहा है. यहां तक कि कई ठेकेदार व व्यापारियों को फोन कर लेवी की मांग करता है.
गुमला जिला पुलिस को इसकी गुप्त सूचना प्राप्त हुई है. इस सूचना के बाद गुमला पुलिस ने निर्मल की तलाश शुरू कर दी है. खुद गुमला एसपी हृदीप पी जर्नादनन मोटर साइकिल से नक्सल प्रभावित गांव व जंगलों का भ्रमण कर फरार निर्मल को खोज रहे हैं. निर्मल को खोजते हुए एसपी डुमरी प्रखंड व महुआडांड़ प्रखंड के सीमावर्ती में स्थित जैरागी गांव तक पहुंचे थे. पुलिस को सूचना है कि निर्मल अक्सर जैरागी गांव व उसके आसपास के इलाके में आता है. साथ ही हाल के दिनों में जैरागी क्षेत्र में हुई घटनाओं में निर्मल का हाथ है.
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जैरागी गांव के कुछ सफेदपोश लोगों द्वारा निर्मल का साथ देने की बात भी सामने आा रही है. जिस कारण पुलिस गंभीर है. एसपी ने बताया कि निर्मल की तलाश जारी है. बहुत जल्द उसे पकड़ लिया जायेगा. या तो भी वह मुठभेड़ में मारा जायेगा. इसलिए निर्मल के लिए यही अच्छा होगा कि वह सरेंडर कर दें. जिससे वह अपने परिवार के साथ खुशहाल रह सकेगा. नहीं तो पुलिस उसे कहीं से भी खोज निकालेगी.
इधर, सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भाकपा माओवादी भी अपने भगोड़े साथी निर्मल मिंज की तलाश कर रहा है. क्योंकि निर्मल ने भागने के समय चार से पांच बड़े हथियार लेकर भागा है. वह पहले भाकपा माओवादी के सबजोनल कमांडर बुद्धेश्वर उरांव के दस्ते में था. फिलहाल में बुद्धेश्वर गुमला जिले के चैनपुर, रायडीह, डुमरी, घाघरा व बिशुनपुर के इलाके में सक्रिय है. पुलिस का मानना है कि निर्मल के पकड़े जाने से डुमरी क्षेत्र में अपराधिक घटनाएं कम होगी. साथ ही माओवादी के कुछ सदस्यों को पकड़ने में भी सफलता मिलेगी.
Posted By: Pawan Singh