गुमला में प्रेमी ने पहले की प्रेमिका की हत्या, फिर माता-पिता संग मिल कर शव को छिपाया

पुलिस ने हत्या में शामिल प्रेमी अंगत लोहरा और शव को छिपाने में मदद करने वाले पिता जलेश्वर लोहरा व मां मनरखनी देवी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया

By Prabhat Khabar News Desk | December 17, 2022 1:49 PM

भरनो प्रखंड में दहुटोली गांव के जंगल स्थित कुआं से बरामद अज्ञात युवती के शव की पहचान कर ली गयी है. शव कैरो थाना के चेरमो गांव निवासी स्व. देवी महली की पुत्री शीला कुमारी (23) का है. साथ ही युवती की हत्या का उद्भेदन भी पुलिस ने कर लिया है. युवती की हत्या उसके प्रेमी ने की. इसके बाद प्रेमी ने अपने माता-पिता से मिल कर शव को ठिकाना लगाया.

पुलिस ने हत्या में शामिल प्रेमी अंगत लोहरा और शव को छिपाने में मदद करने वाले पिता जलेश्वर लोहरा व मां मनरखनी देवी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. यहां बता दें कि पुलिस ने 13 दिसंबर को शव बरामद किया था. एसडीपीओ मनीष चंद्र लाल, इंस्पेक्टर एसएन मंडल व थानेदार कृष्ण कुमार तिवारी ने शीला हत्याकांड का उद्भेदन के बाद प्रेसवार्ता कर पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी. पुलिस ने बताया कि मृतका शीला चेरमो पतराटोली निवासी जलेश्वर लोहरा के पुत्र अंगत लोहरा (21) के साथ तीन वर्षों से लिव इन रिलेशन में रह रही थी.

वहीं युवती अपने प्रेमी पर शादी का दबाव बना रही थी. युवक का कहना था कि नौकरी लगने के बाद शादी करेंगे. 11 दिसंबर की सुबह अंगत खेत में काम कर रहा था, तभी उसकी प्रेमिका खेत में आकर शादी करने की बात कर झगड़ने लगी. इतने में अंगत ने पत्थर से उसके सिर पर वार कर दिया, जिससे वह बेहोश हो गयी. फिर अंगत ने वहीं पास कुआं में उसे धकेल दिया, जिससे उसकी मौत हो गयी. घटना के बाद चुपचाप अपने घर आ गया और फोन पर अपने पिता को घटना की जानकारी दी. उसके पिता जलेश्वर लोहरा जो रांची में मजदूरी का काम करता है.

शाम को उसके अपने घर पहुंचा. शव को दूसरे जगह ठिकाना लगाने का षड्यंत्र किया. इस षड्यंत्र में उसकी मां मनरखनी देवी भी शामिल रही. फिर उसी रात बाप-बेटे ने मिल कर गांव के कुआं से शीला के शव को बाहर निकाला और प्लास्टिक व बोरा में भर कर अपनी बाइक पर भरनो थाना क्षेत्र के दहुटोली गांव के पास कुआं में लाकर फेंक दिया. अंगत के पिता का पैतृक गांव भी दहुटोली है. इसलिए उसे इस क्षेत्र की पूरी जानकारी थी. घटना के बाद एसपी के निर्देश पर पुलिस टीम का गठन कर छानबीन शुरू हुई और सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. छापेमारी दल में एसआइ मिचराय पांड्या, राजेश बिहा, त्रिवेणी ओझा, सुनील सिंह समेत पुलिस जवान शामिल थे.

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