Gumla News: आजादी के बाद भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है यह गांव, लोगों ने कहा- रोड नहीं, तो वोट नहीं

पालकोट प्रखंड की बागेसेरा पंचायत में डुमरडीह गांव है. यह गांव आजादी के बाद भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है. इससे ग्रामीणों ने इस बार के विधानसभा चुनाव में वोट नहीं डालने का निर्णय लिया है.

By Nitish kumar | October 22, 2024 1:17 PM
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Gumla News, महीपाल सिंह: पालकोट प्रखंड की बागेसेरा पंचायत में डुमरडीह गांव है. यह गांव आजादी के बाद भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है. इससे ग्रामीणों ने इस बार के विधानसभा चुनाव में वोट नहीं डालने का निर्णय लिया है. ग्रामीणों ने बताया कि डुमरडीह गांव प्रखंड मुख्यालय से 10 किमी की दूरी पर स्थित है. गांव में आदिवासी बहुल क्षेत्र के तहत उरांव, बड़ाइक, लोहरा समेत अन्य लोग निवास करते हैं. गांव की आबादी करीब आठ हजार है. गांव की सबसे बड़ी समस्या सड़क है.

डुमरडीह गांव बघिमा से आठ किमी दूरी पर है. नाथपुर गांव से होते हुए टेंगरिया गांव भाया बागेसेरा मरदा, मुरूमकेला होते बघिमा गांव तक पक्की सड़क गुजरा है. इसके बीचोंबीच में बागेसेरा पंचायत के डुमरडीह गांव बसा हुआ है. लेकिन आज तक आवागमन का रास्ता गांव वालो को नहीं मिला है. इससे ग्रामीणों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ता है. इस संबंध में ग्रामीणों ने एक स्वर में कहा कि रोड नहीं, तो वोट नहीं. महिला लोहरमइन देवी, रतनी देवी, अर्जुन सिंह, लेंटगा उरांव, सुनीता देवी, संतन बड़ाइक व सुनीता देवी ने कहा कि हमलोगों का गांव सिमडेगा विधानसभा क्षेत्र में आता है. कई चुनाव देख चुके हैं, परंतु कभी हमारे गांव की सड़क चुनावी मुद्दा नहीं बनी और न ही सरकार व प्रशासन ने सड़क बनवाने की पहल की.

नदी पर पुल नहीं बनने से बरसात में टापू बन जाता है गांव

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जॉली विश्वकर्मा
गुमला से 10 किमी दूर नवाडीह पंचायत के अंवराटोली में नदी पर पुल नहीं बनने से बरसात में गांव टापू बन जाता है. इस गांव की 400 आबादी है, जो बरसात में गांव में ही कैद हो जाती है. गांव के लोग लंबे समय से अंवराटोली नदी के समीप पुल बनवाने की मांग करते आ रहे हैं. यह गांव बिशुनपुर विधानसभा में आता है. गांव में एक सोलर जलमीनार है, जो तीन माह से खराब है. इस कारण लोग नदी का पानी पीने को मजबूर हैं. ग्रामीण शशि उरांव ने कहा कि गांव में सड़क नहीं होने से बरसात में सड़क पर कीचड़ भर जाता है और धूप के समय में मिट्टी सूखने पर मार्ग उबड़-खाबड़ हो जाता है. इस कारण आवागमन में परेशानी होती है.

बुद्धिमान खाखा ने कहा कि बारिश होने पर हमारा गांव टापू बन जाता है. किसी के बीमार होने पर अस्पताल ले जाने में परेशानी होती है. प्रशासन से हम मांग करते हैं कि गांव में जल्द से जल्द पुल का निर्माण कराये. करमू उरांव ने कहा कि जलमीनार खराब होने पर हमलोग तीन माह से नदी का पानी पी रहे हैं. रनमइत देवी ने कहा कि गांव की मुख्य समस्या सड़क, पानी व पुलिया है.

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