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घाघरा में पीएम आवास लिए राशि पड़ा कम, आधा-अधूरा बन रहा मकान, 12 महीने के अंदर में पूरा करना काम

उतने पैसे में आवास बन पाना बिल्कुल असंभव है. जिन लोगों के पास अतिरिक्त पैसा है. वही अपना घर बना पा रहे हैं. कई लाभुक ऐसे हैं, जो आधा घर बना कर ईंट भट्ठा काम करने के लिए चले गये हैं. ताकि वहां से कुछ कमा कर लायेंगे और पीएम आवास को पूरा कर सके. कई ऐसे लाभुक हैं, जो पहली किस्त की राशि खाते से निकालकर किसी और काम में लगा चुके हैं. कई लाभुक स्टीमिट से बड़ा घर खड़ा कर दिये हैं और अब उनके पास पैसा नहीं है. इस कारण घर अधर पर लटका है.

घाघरा प्रखंड में प्रधानमंत्री आवास को पूर्ण कराना प्रशासन के लिए चुनौती बन गयी है. पीएम आवास योजना की पहली किस्त जाने के बाद 12 महीने के अंदर में आवास पूरा करना है. परंतु 18 महीने बीत जाने के बाद भी आवास पूरा नहीं हुआ है. कई लाभुक ऐसे हैं जो काम भी शुरू नहीं कर पाये हैं. ऐसे में प्रशासन को परेशानी हो रही है. इसका मुख्य कारण, आवास योजना में कम पैसे का आवंटन है. जितने पैसे का आवंटन आवास योजना के लिए किया जा रहा है.

उतने पैसे में आवास बन पाना बिल्कुल असंभव है. जिन लोगों के पास अतिरिक्त पैसा है. वही अपना घर बना पा रहे हैं. कई लाभुक ऐसे हैं, जो आधा घर बना कर ईंट भट्ठा काम करने के लिए चले गये हैं. ताकि वहां से कुछ कमा कर लायेंगे और पीएम आवास को पूरा कर सके. कई ऐसे लाभुक हैं, जो पहली किस्त की राशि खाते से निकालकर किसी और काम में लगा चुके हैं. कई लाभुक स्टीमिट से बड़ा घर खड़ा कर दिये हैं और अब उनके पास पैसा नहीं है. इस कारण घर अधर पर लटका है.

एस्बेस्टस का घर बनाने का निर्देश :

कई लोग कम पैसा में घर बनाने में असमर्थ हैं. बीडीओ विष्णुदेव कच्छप ने सेरेंगदाग गांव के लोगों को एस्बेस्टस का मकान बनाने का आदेश दिया है. जिसके बाद उक्त लाभुकों ने मकान बनाना शुरू कर दिया है.

लक्ष्य पूरा करने में पीछे है घाघरा :

घाघरा प्रखंड आवास का काम पूरा कराने के लक्ष्य में पीछे चल रहा है. वित्तीय वर्ष 2016-17 में 702 अावास निर्माण का टारगेट था. जिसमें 676 पूरा हुआ. वित्तीय वर्ष 2017-18 में 346 आवास का लक्ष्य था. जिसमें 334 पूरा हुआ. वित्तीय वर्ष 2018-19 में 500 आवास का लक्ष्य था. जिसमें 445 पूरा हुआ. वित्तीय वर्ष 2019-20 में 1195 आवास का टारगेट था. जिसमें 800 अावास पूरा हुआ. वित्तीय वर्ष 2020-21 में 833 आवास का टारगेट था. जिसमें 329 पूरा हुआ है. वर्ष 2016 से अब तक 3576 अावास का लक्ष्य घाघरा प्रखंड को मिला था. जिसमें 2584 अावास का निर्माण ही पूरा हो सका है.

अतिरिक्त पैसा लगा कर घर बना रहे हैं :

लाभुक : लाभुक सतीश उरांव ने कहा कि अभी तक सिर्फ मकान की ढलाई हुई है. प्लास्टर नहीं हुआ है. जबकि एक लाख खर्च हो चुका है. झलकू उरांव ने कहा कि आवास को आधा बना कर ईंट भट्ठा काम करने के लिए गये थे. वहां से कुछ पैसा कमा कर लाये. तब घर की ढलाई करायी. परंतु घर का प्लास्टर नहीं हुआ है. रिझा लोहरा ने बताया कि हम सभी परिवार ईंट भट्ठा काम करने के लिये गये. पैसा कमाया. सबके कमाये हुए पैसे को आवास बनाने में लगा दिये हैं. अभी तक हमारा घर प्लास्टर नहीं हुआ है. सिर्फ ढलाई हुई है.

कार्य शीघ्र पूरा किया जायेगा :

समन्वयक : पीएम आवास के प्रखंड समन्वयक अशोक कुमार ने कहा कि जो लक्ष्य बाकी है. उसे जल्द पूरा कर लिया जायेगा. पंचायत सेवक से लेकर आवास से संबंधित जितने भी कर्मचारी हैं. वह अपने-अपने कार्यक्षेत्र में आवास को पूरा कराने के लिए मेहनत कर रहे है

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