घाघरा प्रखंड के दो चौकीदारों के निलंबन होने से संघ में आक्रोश, करेंगे प्रदर्शन, जानें पूरा मामला
चर्चा के उपरांत प्रदेश अध्यक्ष कृष्ण दयाल सिंह ने कहा कि बीते कुछ माह पूर्व घाघरा थाना के कमरे में घाघरापाठ निवासी कृष्णा उरांव ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. जिसके बाद एसपी के प्रतिवेदन पर डीसी ने दोनों चौकीदारों को निलंबित कर दिया. जिसमें जांच की गयी, तो पता चला कि दोनों चौकीदारों को ना ही किसी भी ड्यूटी में रखा गया था और ना ही यह दोनों कसूरवार हैं.
घाघरा : घाघरा प्रखंड के चपका हनुमान मंदिर के समीप बिशुनपुर, सिसई व घाघरा प्रखंड के चौकीदारों की बैठक प्रदेश अध्यक्ष कृष्ण दयाल सिंह की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई. बैठक में घाघरा थाना के दो चौकीदार जवाहर उरांव व बंधन उरांव को डीसी द्वारा निलंबित करने के आलोक में चर्चा हुई.
चर्चा के उपरांत प्रदेश अध्यक्ष कृष्ण दयाल सिंह ने कहा कि बीते कुछ माह पूर्व घाघरा थाना के कमरे में घाघरापाठ निवासी कृष्णा उरांव ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. जिसके बाद एसपी के प्रतिवेदन पर डीसी ने दोनों चौकीदारों को निलंबित कर दिया. जिसमें जांच की गयी, तो पता चला कि दोनों चौकीदारों को ना ही किसी भी ड्यूटी में रखा गया था और ना ही यह दोनों कसूरवार हैं.
जिस दिन घटना घटी. उस दिन लगभग पांच बजे जब कृष्णा उरांव को फांसी के फंदे में झूलता देखा गया. जिसके बाद जवाहर उरांव व बंधन उरांव के नाम पर कमान काट कर इनके हाथ में थमा दिया गया. अपने बचने के लिए पुलिस पदाधिकारियों द्वारा हम जैसे चौकीदारों को बलि का बकरा बनाया जा रहा है.
घाघरा थाना में प्रत्येक दिन सभी चौकीदारों को बुलाया जाता है. जहां पर पुलिस पदाधिकारी अपना काम चौकीदारों से कराते हैं. यह सरासर गलत है. जवाहर उरांव व बंधन उरांव के ऊपर जो भी आरोप लगाया गया है. यह बिल्कुल गलत है. इन सभी घटना की जांच खुद डीसी को करनी थी.
या अपने अधीनस्थ कर्मचारियों से घटना की जांच करानी थी. परंतु पूरी घटना की जांच एसडीपीओ द्वारा किया गया. एसपी ने जांच रिपोर्ट डीसी को सौंपी. जिसके आलोक में उपायुक्त ने दोनों चौकीदारों को निलंबित कर दिया है.
उन्होंने कहा जल्द इन दोनों को निलंबन से मुक्त किया जाये, नहीं तो पूरे प्रदेश में दफादार चौकीदार पंचायत के सदस्य हड़ताल पर बैठ कर उग्र आंदोलन करेंगे. किसी और की गलती की सजा किसी और के सिर थोपी जा रही है. मौके पर सीता उरांव, मुकेश महतो, केश्वर कुमार महली, रंजीत खेरवार, तिबू उरांव, वासुदेव उरांव, इबरतुस लकड़ा, जगरू भगत, सत्यनारायण उरांव, बसंती देवी, संतोषी उरांव, सुनीता देवी सहित कई लोग मौजूद थे.