Gumla News : असुर जनजातियों को नहीं मिल रहा सरकारी योजनाओं का लाभ, मूलभूत सुविधाओं से भी हैं वंचित
पेयजल के लिए गांव में दो जगह सोलर जलमीनार बना है. परंतु खराब है. ग्रामीण गांव से आधा किमी दूर स्थित पूर्वजों द्वारा निर्मित दाड़ी कुआं से पेयजल लाते हैं. गांव में रोजगार नहीं है. लकड़ी काट कर बाजार में बेचते हैं. कई परिवार पलायन कर गये हैं. बिहार, यूपी, हिमाचल प्रदेश, त्रिपुरा के ईंट भट्ठों में चले गये हैं. जिनमें रंथु असुर, बुधू असुर, सुकवा असुर, मांगू असुर सहित अन्य कई लोग हैं.
Jharkhand News, Gumla Chainpur News गुमला : चैनपुर प्रखंड मुख्यालय से 30 किमी दूरी पर बामदा पंचायत का कुटमा छापरटोली गांव है. पंचायत चुनाव के 10 वर्ष बीतने के बाद गांव का विकास नहीं हुआ है. गांव में सड़क, बिजली, पानी, शौचालय, नाली की समस्या है. गांव में 60 घर है. 400 लोग हैं. इस गांव में सिर्फ असुर समुदाय के लोग रहते हैं. गांव में पहुंच पथ नहीं है. मनरेगा, बागवानी, दीदी बाड़ी योजना संचालित नहीं है.
पेयजल के लिए गांव में दो जगह सोलर जलमीनार बना है. परंतु खराब है. ग्रामीण गांव से आधा किमी दूर स्थित पूर्वजों द्वारा निर्मित दाड़ी कुआं से पेयजल लाते हैं. गांव में रोजगार नहीं है. लकड़ी काट कर बाजार में बेचते हैं. कई परिवार पलायन कर गये हैं. बिहार, यूपी, हिमाचल प्रदेश, त्रिपुरा के ईंट भट्ठों में चले गये हैं. जिनमें रंथु असुर, बुधू असुर, सुकवा असुर, मांगू असुर सहित अन्य कई लोग हैं.
असुर बहुल क्षेत्र होने के बाद भी डीलर द्वारा डोर स्टेप डिलिवरी सिस्टम से वर्षों से राशन वितरण बंद है. गांव के लोग साइकिल व पैदल 10 किमी दूर जाकर कुरूमगढ़ के डीलर से राशन का उठाव करते हैं. जिससे उन्हें परेशानी होती है.
ग्रामीणों ने कहा
ग्रामीण रमेश असुर ने कहा कि हमारे गांव में किसी प्रकार का विकास नहीं हुआ है. विधायक, सांसद झांकने तक नहीं आते हैं. सुगंती असुर ने कहा कि विकास क्या होता है. यहां के ग्रामीण नहीं जानते हैं. यहां अशिक्षा है. गांव के ग्रामीण रोजगार के लिए पलायन कर रहे हैं. उसके बावजूद प्रखंड प्रशासन व जनप्रतिनिधि मौन हैं.
बुधराम असुर ने कहा कि सरकार द्वारा हमारे लिए कई प्रकार की योजनाएं चलायी जा रही है. उसके बावजूद प्रखंड प्रशासन व जनप्रतिनिधियों द्वारा हमें योजना का लाभ नहीं दिया गया है. वृद्ध बिरसु असुर ने कहा कि आजादी के बाद लगा था. विकास होगा, लेकिन हमारे गांव को देखने वाला कोई नहीं है.
गांव की समस्या दूर होगी : बीडीओ
बीडीओ डॉक्टर शिशिर कुमार सिंह ने कहा कि गांव में शौचालय निर्माण की जांच की जायेगी. अगर डाकिया योजना के तहत गांव में आदिम जनजाति को राशन नहीं पहुंच रहा है, तो मैं गांव जाकर असुर समुदाय के लोगों से पूछताछ करूंगा.
गांव के विकास के लिए मैंने प्रस्ताव बना कर कल्याण विभाग को सौंपा है. प्रस्ताव स्वीकृत होने के बाद गांव की विकास योजना शुरू कर दी जायेगी. बीडीओ ने कहा कि सोलर जलमीनार 24 घंटे के अंदर बनाया जायेगा. ताकि ग्रामीणों को पेयजल मुहैया हो सके.
Posted By : Sameer Oraon