गुमला के रायडीह प्रखंड में मनरेगा से तालाब व डोभा खोदने में भ्रष्टाचार, डीडीसी ने बीडीओ से मांगी रिपोर्ट
जिससे दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके. यहां बता दें कि पाकरटोली गांव में चार लाख 97 हजार 582 रुपये की लागत से तालाब खोदने की तैयारी चल रही है. जबकि 93 हजार रुपये की लागत से डोभा खोदा जा रहा है. जिस स्थान पर तालाब व डोभा खोदा जाना है. वहां प्रशासन ने शिलापट्ट लगाया है. परंतु यह प्रशासन के वरीय अधिकारियों की आंखों में धूल झोंकने के लिए किया गया है. पंचायत के अधिकारी व प्रतिनिधि मिलकर गलत तरीके से काम करने में लगे हैं. बताया जा रहा है कि पूर्व में ही सूखा राहत योजना के तहत पाकरटोली में तालाब खोदा गया था.
Jharkhand News, Gumla News गुमला : रायडीह प्रखंड की सिलम पंचायत में भ्रष्टाचार चरम पर है. ताजा मामला, मनरेगा से तालाब व डोभा खुदाई का है. पहले से खोदे गये तालाब में पुन: तालाब खोदने की तैयारी चल रही है. वहीं जिस पहाड़ के पास पहले से गड्ढा है. वहां डोभा खोदा जा रहा है. तालाब व डोभा की दोनों योजना पाकरटोली गांव की है. इधर, मामले की जानकारी मिलने के बाद उपविकास आयुक्त संजय बिहारी अंबष्ठ ने रायडीह बीडीओ मिथिलेश कुमार सिंह करे जांच करने का आदेश दिया है. जांच के बाद रिपोर्ट भी मांगा है.
जिससे दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके. यहां बता दें कि पाकरटोली गांव में चार लाख 97 हजार 582 रुपये की लागत से तालाब खोदने की तैयारी चल रही है. जबकि 93 हजार रुपये की लागत से डोभा खोदा जा रहा है. जिस स्थान पर तालाब व डोभा खोदा जाना है. वहां प्रशासन ने शिलापट्ट लगाया है. परंतु यह प्रशासन के वरीय अधिकारियों की आंखों में धूल झोंकने के लिए किया गया है. पंचायत के अधिकारी व प्रतिनिधि मिलकर गलत तरीके से काम करने में लगे हैं. बताया जा रहा है कि पूर्व में ही सूखा राहत योजना के तहत पाकरटोली में तालाब खोदा गया था.
पुन: उसी स्थान पर नये तालाब को खोदने की तैयारी चल रही है. इस संबंध में जूनियर इंजीनियर बेलस बेक ने कहा कि जिस स्थान पर तालाब खोदने की स्वीकृति हुई है. उस पर रोक लगा दी गयी है. जबकि जिस स्थान पर डोभा खोदा जा रहा है. वहां की भौगोलिक बनावट ही वैसी है. बीडीओ मिथिलेश कुमार सिंह ने कहा कि मामले की जांच कर आगे की कार्रवाई की जायेगी.
Posted By : Sameer Oraon