गुमला: शिक्षा विभाग बना भ्रष्टाचार का अड्डा, रिटायर्ड शिक्षक-शिक्षिकाओं से भी हो रही वसूली

गुमला में शिक्षा विभाग भ्रष्टाचार का अड्डा बना हुआ है. हालांकि, कोई इस मुद्दे पर खुल कर नहीं बोलता है. इस कारण विभाग के लोग हर छोटे-मोटे मामलों में शिक्षकों से घूस लेते रहे हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | January 18, 2024 5:42 PM

Gumla News: गुमला में शिक्षा विभाग भ्रष्टाचार का अड्डा बना हुआ है. हालांकि, कोई इस मुद्दे पर खुल कर नहीं बोलता है. इस कारण विभाग के लोग हर छोटे-मोटे मामलों में शिक्षकों से घूस लेते रहे हैं. शिक्षकों को अक्सर डर रहता है कि 10-20 हजार रुपये विभाग के अधिकारी को घूस नहीं देंगे, तो उनकी नौकरी चली जायेगी. इसलिए कभी शिक्षक इसकी शिकायत वरीय अधिकारियों के पास नहीं करते हैं और शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मुंह मांगी रकम घूस के तौर पर देकर अपनी नौकरी बचाते रहे हैं. यहां तक कि रिटायर्ड शिक्षक-शिक्षिकाओं से भी विभाग के अधिकारी व कर्मचारी वसूली करने से बाज नहीं आते हैं. कई शिक्षक लड़खाड़ते पैरों से विभाग के दरवाजे तक जाते हैं. उनसे भी कई बार घूस ले लिया गया है, परंतु, इसकी शिकायत नहीं होने के कारण विभाग के लोग बचते रहते हैं. ऐसे, शिक्षिका कुंती देवी ने हिम्मत दिखायी, जिसका नतीजा है कि घूसखोर डीइओ व कंप्यूटर ऑपरेटर एसीबी के शिकंजे में आये.

डीइओ विभाग के खिलाफ लगातार मिल रही शिकायत

ज्ञात हो कि, इससे पहले भी शिक्षा विभाग में कई लोग घूस लेते पकड़े गये हैं. बीइइओ से लेकर क्लर्क तक को एसीबी ने पकड़ा है. इसके बाद भी शिक्षा विभाग नहीं सुधर रहा है. गुमला के एक शिक्षक ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा है कि विभाग में कई पुराने कर्मचारी हैं, जो शिक्षक-शिक्षिकाओं का दोहन करते हैं. उनकी मेहनत का पैसा घूस के तौर पर वसूलते हैं. इसमें विभाग के वरीय अधिकारियों को भी मोटी रकम मिलती है. बता दें कि डीइओ विभाग के खिलाफ लगातार मौखिक शिकायत मिल रही थी.

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एंटी करप्शन ब्यूरो की अब तक की कार्रवाई

22 मार्च 2017: एसीबी की टीम ने बिजली विभाग के एसडीओ अभय मोहन सहाय व क्लर्क दिलीप कुमार को 4500 रुपये घूसे लेते पकड़ा था. शिकायतकर्ता पालकोट के रिजवान से नया बिजली कनेक्शन के नाम पर घूस मांगी गयी थी.

18 मई 2017: एसीबी ने सिसई अंचल के हल्का कर्मी रवींद्र कुमार झा को 1000 रुपये रिश्वत लेते रंगेहाथ दबोचा था. सीमेंट विक्रेता भरत महतो ने घूस मांगने की शिकायत की थी.

12 सितंबर 2017: एसीबी ने घाघरा प्रखंड के पंचायत सेवक दिगंबर ओहदार को कूप निर्माण में 10 हजार रुपये घूस लेते रंगेहाथ पकड़ा गया था.

23 नवंबर 2017: घाघरा अंचल के सीआइ शाहिद अनवर को चार हजार रुपये घूस लेते पकड़ा गया था. जमीन म्यूटेशन कराने के नाम पर घूस मांगी थी.

05 जून 2018: गुमला के श्रम अधीक्षक रंजीत कुमार तीन हजार रुपये घूस लेते पकड़ाये थे. वह अपने ही पर्यवेक्षक से घूस ले रहे थे.

30 मार्च 2019: पीएचइडी विभाग के कार्यपालक अभियंता रमेश लोहरा एक लाख रुपये घूस लेते गिरफ्तार हुए ऐ. वह एक ठेकेदार से घूस ले रहे थे.

21 नवंबर 2019: बसिया प्रखंड की सीडीपीओ अर्पणा कर्मकार 25 हजार रुपये घूस लेते पकड़ी गयी थी. आंगनबाड़ी सेविका चयन में सीडीपीओ घूस ले रही थी.

11 फरवरी 2022: घाघरा प्रखंड के मनरेगा बीपीओ विपिन कुमार को एसीबी ने पांच हजार रुपये घूस लेते पकड़ाये थे. उन पर आंगनबाड़ी कार्य को लेकर 15 हजार घूस मांगने का आरोप लगा था.

31 मार्च 2022: एसीबी ने एलआरडीसी ऑफिस की पेशकार वीणा देवी व पीयून मजीदन बीबी को एक दिव्यांग व्यक्ति से जमीन के नाम पर 4100 रुपये घूस लेते पकड़ायी थी.

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