टेंपो चला कर जीविका चला रहा है नेशनल एथलीट रमेश महतो, कई गोल्ड मेडल कर चुका है अपने नाम
बसिया प्रखंड क्षेत्र के कोनबीर निवासी बसंत महतो के दो पुत्र व एक पुत्री में रमेश बड़ा बेटा है, जो बचपन से ही खेलकूद में आगे रहता था. पिछले 10 सालों से लांग जम्प, शॉटपुट आदि एथलेटिक्स खेलों में जिले के साथ-साथ स्टेट व नेशनल लेबल प्रतियोगिताओं में कई गोल्ड मेडल अपने नाम कर चुका है.
गुमला : गुमला जिला अंतर्गत बसिया प्रखंड के राज्य स्तरीय एथलीट रमेश महतो आज आर्थिक तंगी में जी रहा है. रमेश ने एथलेटिक्स में अपने देश व राज्य का प्रतिनिधित्व कर दर्जनों मेडल जीता है. परंतु आज वह आर्थिक तंगी व सिस्टम का दंश झेल रहा है. 21 वर्षीय रमेश आर्थिक तंगी के कारण टेंपो चला कर व मेहनत मजदूरी कर अपने परिवार का हाथ बंटा रहा है.
बसिया प्रखंड क्षेत्र के कोनबीर निवासी बसंत महतो के दो पुत्र व एक पुत्री में रमेश बड़ा बेटा है, जो बचपन से ही खेलकूद में आगे रहता था. पिछले 10 सालों से लांग जम्प, शॉटपुट आदि एथलेटिक्स खेलों में जिले के साथ-साथ स्टेट व नेशनल लेबल प्रतियोगिताओं में कई गोल्ड मेडल अपने नाम कर चुका है.
रमेश ने संत जोसेफ स्कूल कोनबीर नवाटोली से 2015 में प्रथम श्रेणी से मैट्रिक पास की. इंटर की पढ़ाई पूरी कर ग्रेजुएशन के दौरान फ़ौज में नौकरी लगने को लेकर ठगी का शिकार भी बना. जिससे ग्रेजुएशन में पार्ट टू के बाद पढ़ाई भी छूट गयी. रमेश महतो ने सरकार से खिलाड़ियों के लिए स्पष्ट नीति व रोजगार से जोड़ने की मांग की है. उन्होंने कहा कि खेल कोटा से अगर नौकरी मिल जाती तो मैं आज ठगी का शिकार नहीं होता. साथ ही आगे की प्रतियोगिता में भी भाग लेता. घर की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण मैं पढ़ाई व खेल से दूर हो गया. परिवार के लिए टेंपो चला रहा हूं.