अनाथ बच्चों को प्रत्येक माह दिये जायेंगे दो हजार रुपये, इस योजना के तहत उपलब्ध करायी जायेगी सुविधा
साथ ही जिला प्रशासन द्वारा ऐसे बच्चों की देख-रेख के लिए हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन देते हुए बच्चों का उत्साहवर्द्धन किया गया. उपायुक्त ने बच्चों से कहा कि अभी आप सभी बच्चे हैं. अभी आप सबों का खेलने-कूदने और पढ़ने के दिन है. मन लगा कर पढ़ाई करें और अपने जीवन में एक अच्छा मुकाम हासिल करें. वहीं उपायुक्त ने डालसा सचिव, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी एवं बाल विकास परियोजना पदाधिकारियों को सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर जिले के ऐसे और अनाथ बच्चों को चिह्नित करते हुए उन्हें भी स्पॉन्सरशिप योजना से जोड़ने का निर्देश दिया.
गुमला : झारखंड बाल प्रायोजन (स्पॉन्सरशिप) योजना के तहत वैश्विक महामारी कोविड-19 व अन्य कारणों के परिणाम स्वरूप गुमला जिले में अनाथ हुए बच्चों के बीच गुरुवार को उपायुक्त गुमला शिशिर कुमार सिन्हा ने खेल सामग्री, खिलौने, लेखन सामग्री, पुस्तक-पुस्तिकाओं व प्रमाण पत्र का वितरण किया. इस दौरान उपायुक्त ने प्रभावित बच्चों के अभिभावकों से मुलाकात कर उनसे बच्चों के पालन-पोषण, शिक्षा, स्वास्थ्य की संपूर्ण जानकारी प्राप्त की तथा किसी भी प्रकार की समस्या होने पर जिला प्रशासन को निःसंकोच अवगत कराने पर बल दिया.
साथ ही जिला प्रशासन द्वारा ऐसे बच्चों की देख-रेख के लिए हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन देते हुए बच्चों का उत्साहवर्द्धन किया गया. उपायुक्त ने बच्चों से कहा कि अभी आप सभी बच्चे हैं. अभी आप सबों का खेलने-कूदने और पढ़ने के दिन है. मन लगा कर पढ़ाई करें और अपने जीवन में एक अच्छा मुकाम हासिल करें. वहीं उपायुक्त ने डालसा सचिव, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी एवं बाल विकास परियोजना पदाधिकारियों को सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर जिले के ऐसे और अनाथ बच्चों को चिह्नित करते हुए उन्हें भी स्पॉन्सरशिप योजना से जोड़ने का निर्देश दिया.
जिला समाज कल्याण पदाधिकारी सीता पुष्पा ने बताया कि गुमला जिलान्तर्गत कोविड-19 व अन्य कारणों से अनाथ होने वाले बच्चों में 11 बच्चे ऐसे हैं. जिनके पिता नहीं हैं, जबकि पांच बच्चे ऐसे हैं. जिनकी माता नहीं है तथा 11 बच्चे ऐसे हैं. जिनके माता-पिता दोनों ही नहीं हैं. इन सभी बच्चों को स्पॉन्सरशिप योजना के तहत आगामी तीन वर्षों तक प्रत्येक माह दो हजार रुपये बैंक खाता के माध्यम से दिया मुहैया कराया जायेगा.
बताते चले कि झारखंड बाल प्रायोजन (स्पॉन्सरशिप) योजना अंतर्गत परिवार के अधिकतम तीन बच्चों (बालिकाओं को प्राथमिकता देते हुए) को वित्तीय सहायता के रूप में 2000 रूपये प्रतिमाह प्रति बच्चे की दर से कुल 18 बच्चों के बीच त्रैमासिक प्रथम किस्त के रूप में कुल एक लाख आठ हजार रुपये की सहायता राशि का भुगतान आरटीडीएस के माध्यम से किया जा चुका है. मौके पर अपर समाहर्त्ता सुधीर कुमार गुप्ता, डालसा सचिव आनंद सिंह, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी सीता पुष्पा एवं योजना के लाभुक बच्चे व उनके अभिभावक व अन्य उपस्थित थे.