गुमला में दूध की बोतल से बनाया ऑक्सीजन फ्लो मीटर, फिर 50 बेकार ऑक्सीजन सिलिंडर का होने लगा उपयोग
जब श्याम व दिलीप ने फिडिंग बोतल (बच्चों को दूध पिलाने की बोतल) को ऑक्सीजन फ्लो मीटर का रूप दिया और उसे सिलिंडर में लगाया. अब ये 50 बेकार सिलिंडर का उपयोग हो रहा है. कोरोना या अन्य बीमारी से पीड़ित लोगों को आसानी से ऑक्सीजन चढ़ाया जा रहा है.
गुमला के सदर अस्पताल में जुगाड़ टेक्नोलॉजी से ऑक्सीजन फ्लो मीटर बनाया गया है. यह प्रयोग, अस्पताल दवा भंडार कक्ष के इंचार्ज श्याम कुमार व एंबुलेंस चालक दिलीप कुमार ने किया. जिससे करीब 50 बेकार ऑक्सीजन सिलिंडर का उपयोग होने लगा है. इन सिलिंडरों का ऑक्सीजन फ्लो मीटर खराब हो गया था.
जब श्याम व दिलीप ने फिडिंग बोतल (बच्चों को दूध पिलाने की बोतल) को ऑक्सीजन फ्लो मीटर का रूप दिया और उसे सिलिंडर में लगाया. अब ये 50 बेकार सिलिंडर का उपयोग हो रहा है. कोरोना या अन्य बीमारी से पीड़ित लोगों को आसानी से ऑक्सीजन चढ़ाया जा रहा है.
दूध की बोतल से बनाया ऑक्सीजन फ्लो मीटर
यहां बताते चलें कि सदर अस्पताल गुमला में ऑक्सीजन फ्लो मीटर नहीं था. जिससे बहुत परेशानी हो रही थी. सिलिंडर भी बेकार पड़ा हुआ था. ऑक्सीजन फ्लो मीटर के लिए अस्पताल प्रबंधन ने रांची के आपूर्तिकर्ता से फोन व व्हाट़सअप कर ऑक्सीजन फ्लो मीटर की मांग की थी. परंतु आपूर्तिकर्ता ने आपूर्ति में असमर्थता जाहिर की. जिससे अस्पताल प्रबंधन के होश उड़ गये थे.
जिसके बाद दवा भंडार के इंचार्ज श्याम कुमार व एंबुलेंस कर्मी दिलीप कुमार ने (जब से सदर अस्पताल गुमला का संचालन हो रहा था) तब से खराब पड़े ऑक्सीजन फ्लो मीटर की मरम्मत करने का विचार लाकर काम शुरू किया. देखते ही देखते उन्होंने सभी पुराने खराब पड़े ऑक्सीजन फ्लो मीटर को रिपेयर कर लगभग 50 ऑक्सीजन फ्लो मीटर को तैयार कर दिया. लेकिन मेजरिंग बोतल नहीं होने के कारण उसे शुरू करने में काफी दिक्कत हो रही थी.
जिसके बाद काफी सोच विचार कर दवा भंडार कक्ष के श्याम कुमार ने फिडिंग बोतल (बच्चों को दूध पिलाने की बोतल) को लगा कर ट्राई किया जो पूरी तरह फिट होने के बाद उसे मरीज में लगाकर देखा गया. सही काम करने के बाद जितना ऑक्सीजन फ्लो मीटर में 250 एमएल की मेजरिंग कांच की बोतल लगी रहती है. उसी तरह की फिडिंग बॉक्स मंगा कर उसे लगाया गया. जिसके बाद वह कारगर सिद्ध हुआ. कर्मियों की जुगाड़ टेक्नोलॉजी से सदर अस्पताल गुमला में ऑक्सीजन फ्लो मीटर की दिक्कत खत्म हो गयी और मरीजों को ऑक्सीजन के साथ ऑक्सीजन फ्लो मीटर उपलब्ध कराने में कोई परेशानी नहीं हो रही है.