नकली बीज बेचने पर दुकान होगी सील, जिला कृषि पदाधिकारी ने निर्देश जारी किया
बताते चले कि गुमला जिला में दो लाख से भी अधिक किसान हैं. इनमें से आधे से अधिक किसान ऐसे हैं, जिनका जीविकोपार्जन कृषि कार्य से ही चलता है. ऐसे किसान प्रत्येक वर्ष बरसात के मौसम का बड़ी बेसब्री से इंतजार करते हैं. ताकि वे खेती-बारी कर सके. खेती-बारी के बाद उत्पादित फसल में कुछ फसल को खुद के पास खाने के लिए रखते हैं, जबकि अधिकांश फसल को बाजार में बिक्री कर देते हैं.
गुमला : गुमला जिला में नकली बीज बिक्री करनेवाले विक्रेताओं की अब खैर नहीं. नकली बीज बिक्री करनेवाले विक्रेताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी. नकली बीज बिक्री करने पर संबंधित विक्रेता का दुकान का लाइसेंस रद्द करते हुए उसकी दुकान को सील किया जायेगा. साथ ही सीआरपीसी 1973 के सुसंगत धाराओं के तहत दुकानदार के खिलाफ विधिसम्मत कार्रवाई की जायेगी और दुकान का सामान भी जब्त कर लिया जायेगा.
बताते चले कि गुमला जिला में दो लाख से भी अधिक किसान हैं. इनमें से आधे से अधिक किसान ऐसे हैं, जिनका जीविकोपार्जन कृषि कार्य से ही चलता है. ऐसे किसान प्रत्येक वर्ष बरसात के मौसम का बड़ी बेसब्री से इंतजार करते हैं. ताकि वे खेती-बारी कर सके. खेती-बारी के बाद उत्पादित फसल में कुछ फसल को खुद के पास खाने के लिए रखते हैं, जबकि अधिकांश फसल को बाजार में बिक्री कर देते हैं.
फसल बिक्री करने से जो आमदनी होती है. उसी से किसान और उसके परिवार वालों का जीविकोपार्जन चलता है. वहीं कई किसान ऐसे भी हैं, जो प्रत्येक वर्ष ठगे जाते हैं. किसान खाद-बीज की दुकान पहुंचते हैं और बीज की खरीदारी करते हैं. बीज की खरीदारी करने के बाद उसे वे अपने खेतों में बोते भी हैं. बीज को खेतों में बोने के बाद पौधा तो तैयार होता है. परंतु पौधे में फसल नहीं रहता है.
इस तरह की शिकायत प्रत्येक वर्ष देखने को मिलती है. ऐसा ही एक मामला इस वर्ष भी देखने को मिला है. सदर प्रखंड अंतर्गत कलिगा ग्राम निवासी किशोर तिर्की को एक खाद-बीज की दुकान से 10 किग्रा शंकर धान बीज की खरीदा था. शंकर धान बीज में 72 घंटे में अंकुरण होता है. परंतु 72 घंटा से भी अधिक समय गुजर जाने के बाद भी उक्त बीज पर अंकुरण नहीं हुआ.
किसान किशोर तिर्की ने इसकी शिकायत जिला कृषि पदाधिकारी से की है और जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा शिकायत के आलोक में कार्रवाई की जा रही है. वहीं जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा जिले के सभी खाद-बीज विक्रेताओं के लिए दिशा-निर्देश भी जारी किया गया है. जिसमें जिला कृषि पदाधिकारी ने विक्रेताओं को नकली बीज की बिक्री एवं खाद की कालाबाजारी नहीं करने संबंधित निर्देश दिया है.