बोल रही तस्वीर, आया खेती का मौसम, गांव लौट रहे हैं किसान
उन राज्यों से अब मजदूर गुमला आ रहे हैं. भरनो प्रखंड के प्रतिनिधि सुनील रवि के अनुसार विभिन्न गांवों के ईंट भट्ठा मजदूरों के वापस गांव आने का सिलसिला शुरू हो गया है. प्रतिदिन सुबह मुख्यालय में ट्रक, बस, पिकअप वाहन से दर्जनों मजदूर उतरते नजर आ रहे हैं. प्रखंड के मजदूर प्रतिवर्ष बिहार, बंगाल, यूपी, बनारस सहित अन्य राज्यों के ईंट भट्ठा में परिवार सहित काम के लिए पलायन कर जाते हैं और बरसात से पूर्व वापस गांव आते हैं.
गुमला : खेतीबारी का मौसम आ गया है. यह तस्वीर बोल रही है. प्रदेश गये मजदूर किसान अब अपने घर लौटने लगे हैं. ताकि धान की खेती कर सके. गुमला जिले से हजारों किसान दूसरे प्रदेश में जाकर मजदूरी करते हैं. अधिकांश मजदूर ईंट भट्ठा में काम करते हैं. परंतु जैसे ही मौसम खेती का आया. किसान अपने गांव-घर लौटने लगे हैं. मंगलवार को दर्जनों किसान ट्रक से अपने गांव लौटे हैं. हालांकि कोरोना को लेकर कई राज्यों में पाबंदी है. जिन राज्यों में लॉकडाउन में ढील दी गयी है.
उन राज्यों से अब मजदूर गुमला आ रहे हैं. भरनो प्रखंड के प्रतिनिधि सुनील रवि के अनुसार विभिन्न गांवों के ईंट भट्ठा मजदूरों के वापस गांव आने का सिलसिला शुरू हो गया है. प्रतिदिन सुबह मुख्यालय में ट्रक, बस, पिकअप वाहन से दर्जनों मजदूर उतरते नजर आ रहे हैं. प्रखंड के मजदूर प्रतिवर्ष बिहार, बंगाल, यूपी, बनारस सहित अन्य राज्यों के ईंट भट्ठा में परिवार सहित काम के लिए पलायन कर जाते हैं और बरसात से पूर्व वापस गांव आते हैं.
यहां की परंपरा के अनुसार मजदूर ईंट भट्ठा से पैसे कमा कर वापस गांव में खेती करते हैं. धनकटनी के बाद पुनः ईंट भट्ठा चले जाते हैं. प्रखंड के ग्रामीण इलाकों से 40 प्रतिशत लोग प्रतिवर्ष ईंट भट्ठा में मजदूरी करने जाते हैं. वहां अच्छी आमदनी हो जाती है. बरसात से पूर्व भट्ठा मालिक बस, ट्रक या अन्य वाहन से मजदूरों को गांव भेज देते हैं. ईंट भट्ठा जाने वाले मजदूर मनरेगा में काम नहीं करना चाहते हैं. क्योंकि मनरेगा में समय पर पैसा नहीं मिलता. कई बार बिचौलिया व दलाल मजदूरों का पैसा डकार जाते हैं.
Posted by : Sameer Oraon