गुमला : रायडीह प्रखंड में सरकार की महत्वाकांक्षी योजना हर घर शौचालय भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गयी है. करोड़ों रुपये सरकार ने शौचालय बनाने में खर्च किये, पर अब भी रायडीह प्रखंड की 70 प्रतिशत जनता खुले में शौच जाने को विवश हैं. कहीं शौचालय बना पर उपयोगी नहीं, कहीं टंकी ढह गयी, कहीं शौचालय ही ध्वस्त हो गया, तो कहीं न दरवाजा लगा और कहीं पैन ही नहीं बैठाया गया है. सरकार ने खुले में शौच को देखते हुए घर शौचालय बनवाया. 12 हजार की लागत से सभी घरों में शौचालय निर्माण कराया गया था, पर रायडीह प्रखंड में शौचालय निर्माण में अनियमितता बरती गयी, जिसका उदाहरण है प्रखंड के गांवों में बना शौचालय. शौचालय निर्माण में बिचौलियागिरी व ठेकेदारी प्रथा चर्म सीमा पर रही. वहीं ऊपर से लेकर नीचे तक के अधिकारी से लेकर कर्मी भ्रष्टाचार में लिप्त रहे. ऐसा शौचालय बनाया गया कि आज 70 प्रतिशत शौचालय उपयोग में ही नहीं है. वहीं कुछ पंचायतों में मुखिया व जल सहिया ने ऐसा खेल खेला कि कुछ लोगों को इस महत्वाकांक्षी योजना से ही वंचित कर दिया.
गुमला के रायडीह के ग्रामीण मुख्तार खान ने कहा कि सरकार ने शौचालय दिया, पर भ्रष्ट कर्मचारियों ने कमीशन के चक्कर में ऐसा शौचालय बनाया कि सिर्फ देखने के लिए शौचालय रह गया, उपयोगी नहीं हो पाया. सकीर खान ने कहा की गांव में सभी लोगों को शौचालय मिला ही नहीं और गांव को ओडीएफ कर दिया गया. वहीं कुछ जगहों पर ऐसा शौचालय बनाया गया, जहां शौच जाने में डर लगता है कि कहीं शौचालय गिर न पड़े. शाहिद खान ने कहा कि सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जब आयी, तो लगा सरकार बहू-बेटियों की इज्जत प्रतिष्ठा के लिए चिंतित है. पर जब शौचालय बना, तो लगा कर्मी सिर्फ कोरम पूरा कर रहे हैं. मोहम्मद कौशर ने कहा कि शौचालय तो बना, पर टंकी छोटा सा बनाया गया. अब टंकी भी ढह गया है और जाम हो गया.
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