बसिया में 150 वर्षों से हो रही पूजा, भैंस की बलि की है प्रथा, पांडे दिगंबर मोहन राय के वंशजों ने की थी शुरुआत
बसिया प्रखंड के बनई गांव में दुर्गा पूजा का इतिहास काफी पुराना है. ग्रामीणों की माने, तो 150 वर्षों से भी अधिक समय से यहां दुर्गा पूजा हो रही है. पूजा की शुरुआत से ही यहां भैंसे की बलि दी जाती है.
बसिया प्रखंड के बनई गांव में दुर्गा पूजा का इतिहास काफी पुराना है. ग्रामीणों की माने, तो 150 वर्षों से भी अधिक समय से यहां दुर्गा पूजा हो रही है. पूजा की शुरुआत से ही यहां भैंसे की बलि दी जाती है.
बनई में दुर्गा पूजा की शुरुआत पांडे दिगंबर मोहन राय के वंशजों द्वारा की गयी. इसके बाद पांड़े दिगंबर मोहन राय के पुत्र पांडे आनंद मोहन राय द्वारा दुर्गा पूजा को जारी रखा गया. फिर वर्ष 2000 से पूजा की जिम्मेवारी ग्रामीणों को दी गयी. तब से रविनाथ बीसी अध्यक्ष का पद अब तक संभालते आ रहे हैं. वहीं वर्तमान में सचिव का पद राजकुमार साहू के जिम्मे है.
अध्यक्ष रविनाथ बीसी ने बताया कि यहां का दुर्गा पूजा गुमला जिला में काफी प्रसिद्ध है. ग्रामीणों का कहना है कि यहां पूजा करने से लोगों की मनोकामना पूरी होती है. यही कारण हैं कि बसिया एवं कामडारा प्रखंड क्षेत्र से काफी संख्या में लोग यहां पूजा करने आते हैं. यहां षष्ठी से नवमी तक बकरे की बलि भी दी जाती हैं. वहीं दशमी के दिन भैंसे की बलि दी जाती है.
दशमी को भव्य मेले का आयोजन किया जाता है. जिसमें ग्रामीण क्षेत्र से भारी संख्या में लोग शामिल होते हैं. पूजा समिति के अध्यक्ष ने बताया कि इस वर्ष भी कोविड-19 को लेकर सरकार द्वारा जारी गाइड लाइन का पालन करते हुए दुर्गा पूजा मनायी जायेगी. प्रशासन द्वारा बताये गये निर्देशों का पालन करते हुए मेले का भी आयोजन नहीं किया जायेगा.