जिले का एकमात्र इंटर महिला कॉलेज इन दिनों बुनियादी सुविधाओं से जूझ रहा है. कॉलेज भवन की छत का प्लास्टर टूट कर गिर रहा है, दीवारों में दरारें पड़ गयी हैं, शौचालय बेकार पड़ा है व सीढ़ी ध्वस्त हो गयी है. इन सारी समस्याओं के बीच महाविद्यालय के भवनों की स्थिति ठीक नहीं है. महाविद्यालय में शिक्षक-शिक्षिकाएं व छात्राएं जान जोखिम में डालकर पठन-पाठन करने को विवश हैं.
बताते चले कि महाविद्यालय के दो भवन है. एक भवन में कार्यालय कार्यों का संपादन होता है और दूसरे भवन में कक्षाएं चलती हैं. कार्यालय भवन में कुल छह कमरे और एक बरामदा है. परंतु सभी कमरों की स्थिति ठीक नहीं है. बरसात में बारिश होने पर कमरों में छत्त से पानी टपकता है, जिससे उक्त भवन के सिर्फ एक कमरे जो थोड़े ठीक हैं. उसमें कार्यालय संचालित किया जा रहा है.
भवन की जर्जर स्थिति से उक्त भवन की सीढ़ी भी टूट कर धराशायी हो चुका है. वहीं क्लासरूम वाले भवन में चार कमरे हैं. उक्त चारों कमरों की स्थिति भी ठीक नहीं है. उक्त कमरों की भी छत का प्लास्टर गिर रहा है. बारिश होने पर छत से पानी टपकता है. महाविद्यालय में बिजली, पानी व शौचालय की भी सुविधा नहीं है.
इन सभी चीजों के लिए महाविद्यालय समीप में बने बालिका छात्रावास पर आश्रित है. बिजली कनेक्शन नहीं होने से महाविद्यालय में सिर्फ कार्यालय कक्ष में बल्ब जलाने के लिए छात्रावास से बिजली कनेक्शन लिया गया है. पानी की सुविधा के लिए महाविद्यालय परिसर में दो चापानल है, परंतु दोनों चापानल बेकार हैं. इस प्रकार छात्राओं के लिए पांच कमरों का शौचालय बना हुआ है, परंतु उक्त शौचालय भी उपयोगी नहीं है.
छात्राओं को पानी व शौचालय के लिए महाविद्यालय के समीप बने छात्रावास तक दौड़ लगानी पड़ती है. क्लास रूम में छात्राओं के बैठने के लिए बेंचों की स्थिति भी ठीक नहीं है. अधिकांश बेंच खराब हो चुके हैं. साथ ही दरवाजे व खिड़कियां ठीक नहीं हैं. महाविद्यालय के कार्यालय कक्ष वाले भवन की 12 खिड़कियों की चोरी हो चुकी है. पूरे भवन में दर्जनों खिड़कियां हैं.
खिड़की में लोहा पत्ती का खिड़की व लकड़ी पल्ला लगा हुआ था, जिसमें 12 लोहा खिड़की की चोरी हो चुकी है. इसके साथ ही भवन के सामने बने पोर्टिकों भी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुका है. वर्तमान में महाविद्यालय प्रबंधन द्वारा फंड के अभाव के बीच किसी प्रकार खिड़कियों व पोर्टिकों की मरम्मत करायी जा रही है.
महाविद्यालय के शिक्षक-शिक्षिकाओं ने बताया कि महाविद्यालय के भवन की स्थिति ठीक नहीं है. महाविद्यालय में पानी, बिजली व शौचालय की सुविधा का अभाव है. महाविद्यालय की समस्याओं को दूर किया जा सकता है, परंतु फंड का अभाव है. एक बार वर्ष 2006 में विधायक फंड से लगभग दो लाख रुपये भवन की मरम्मत के लिए मिला था. उक्त राशि से उस समय मरम्मत करायी गयी थी. इसके बाद अब स्थिति और खराब हो गयी है. भवन की मरम्मत की काफी जरूरी है.