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गुमला के रायडीह में मुखिया नहीं करते गांव का भ्रमण और बीडीओ देते हैं सिर्फ आश्वासन, कैसे होगा विकास

गांव की समस्याओं से रायडीह बीडीओ को अवगत कराया गया है, परंतु उनके द्वारा सिर्फ आश्वासन दिया जाता है. मुखिया जी द्वारा भी कभी हमारे गांव का भ्रमण नहीं किया जाता है

By Prabhat Khabar News Desk | June 14, 2023 10:28 AM
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रायडीह प्रखंड अंतर्गत ग्राम लालमाटी ऊपरखटंगा के आदिम जनजातियों व अनुसूचित जनजातियों ने उपायुक्त गुमला से ग्राम लालमाटी व पहाड़ टुडुरमा से सोकराहातु के बीच सड़क बनाने व गांव की बुनियादी सुविधाओं को दूर करने की मांग की है. इस मांग को लेकर गांव के लोग मंगलवार को उपायुक्त से मुलाकात करने पहुंचे थे. फलिंद्र कोरवा, मंगरू कोरवा, बिगल कोरवा, जमला कोरवा, मंगल कोरवा, महेश कोरवा, बुधवा कोरवा असारी कोरवाइन,

रंजीत कोरवा, करमू कोरवा, कुटरा कोरवा, मधु कोरवा, सत्येंद्र कोरवा, तिजवा कोरवा, दीपक कोरवाव, सनियारो कोरवाइन, धरनी कोरवाइन, चमरू कोरवा, कलसू कोरवाव, राजेश मुंडा, भिनसाय मुंडा, नारायण सिंह, गणेश सिंह, कादू मुंडा, झालू मुंडा समेत अन्य ने बताया कि सड़क खराब होने से गांव का विकास प्रभावित हो रहा है. गांव में पेयजल व शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव है.

गांव की समस्याओं से रायडीह बीडीओ को अवगत कराया गया है, परंतु उनके द्वारा सिर्फ आश्वासन दिया जाता है. मुखिया जी द्वारा भी कभी हमारे गांव का भ्रमण नहीं किया जाता है. ऐसे में गांव व गांव के लोगों का विकास कैसे होगा. ग्रामीणों ने बताया कि गांव में मुख्य रूप से आदिम जनजाति एवं अनुसूचित जनजाति के लोग निवास करते हैं. हमारे पड़ोस के गांव बेहरा पाट, केवना, पहाड़ टुडुरमा है. सभी गांवों के लोग प्रखंड मुख्यालय अथवा जिला मुख्यालय आने-जाने के लिए सोकराहातु होते हुए सड़क मार्ग का प्रयोग करते हैं. परंतु सोकराहातु तक सड़क की स्थिति अत्यंत जर्जर व दयनीय है.

इस कारण उक्त सड़क से आने-जाने में परेशानी होती है. विशेषकर गर्भवती महिलाओं व मरीजों को लेकर आने-जाने में होती है. सड़क की स्थिति ठीक नहीं होने से एंबुलेंस गांव तक नहीं पहुंच पाती है. इस कारण गर्भवती महिलाओं व मरीजों को इलाज के लिए खटिया अथवा झोली भार में ढोकर ले जाना और लाना पड़ता है. गांव में सरकारी योजनाओं से कई लोगों का पीएम आवास बन रहा है. परंतु सड़क खराब होने से आवास बनाने के लिए मेटेरियल लाने में परेशानी होती है. गांव में पेयजल व शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाओं का भी अभाव है.

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