रायडीह प्रखंड की कोब्जा पंचायत के नकटीझरिया गांव तक जाने के लिए न सड़क है और न पुल. शुक्रवार को बीमार महिला की तबीयत अधिक खराब होने पर परिजनों ने महिला को कंधे पर ढोकर चार किमी पैदल चल पक्की सड़क पहुंचे. इसके बाद झारखंड से सटे छत्तीसगढ़ राज्य के जशपुर जिले में इलाज कराने ले गये. बरसात में यह गांव टापू बन गया है.
जानकारी के अनुसार शुक्रवार को नकटीझरिया गांव निवासी 54 वर्षीय फुलमइत देवी (पति-स्व गर्जन राम) कई दिनों से बीमार थी और घर में जड़ी-बूटी से इलाज चल रहा था. लेकिन जब तबीयत अधिक बिगड़ी, तो उनके पुत्र छटकू राम, पनु राम व गांव के रमेश किसान, पुसा किसान ने बीमार फुलमइत देवी को एक लकड़ी के डंडा में कंबल में बांधकर नकटीझरिया से जोगीडांड़ मुख्य पथ पर लगभग चार किमी कंधा में ढोकर पैदल चले, फिर उसे एक ऑटो में सवार कर जशपुर छत्तीसगढ़ इलाज के लिए ले गये. पिछले सात जुलाई को नकटीझरिया के ग्रामीणों ने एक पुल बनवाने की मांग को लेकर बीडीओ से मिले थे.