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गुमला सिसई की कविता बचपन से है मानसिक रोगी, माता- पिता के पास इलाज के लिए पैसा नहीं

जब वह पांच साल की थी. तब उसकी मां चरियो देवी की मौत हो गयी. मुश्किल से वह अपनी बेटी की परवरिश कर रहा है. वह मजदूरी करने बिहार जाता है

गुमला : सिसई प्रखंड के पहामू गांव के वासुदेव मुंडा की 14 वर्षीय बेटी कविता कुमारी के इलाज के लिए परिवार के पास पैसा नहीं है. कविता बचपन से ही मानसिक रोगी है. अक्सर वह घर से भाग जाती है. गरीबी के कारण परिवार ने कविता का ओझागुणी करने वाले कई लोगों को दिखाया. झाड़फूंक कराया. परंतु कविता की दिमागी स्थिति ठीक नहीं हुई.

थक-हार कर परिवार के लोग अब कविता को घर में ही रखते हैं. कई बार तो घर से भागने के डर से बांधकर रखते हैं. वासदेव मुंडा ने कहा कि कविता बचपन से विक्षिप्त है. जब वह पांच साल की थी. तब उसकी मां चरियो देवी की मौत हो गयी. बड़ी मुश्किल से वह अपनी बेटी की परवरिश कर रहा है. वह मजदूरी करने बिहार जाता है. घर में बेटी को छोड़ देता है. दादा संजय मुंडा व दादी रिमनी देवी घर में पोती कविता की देखभाल करते हैं.

परंतु दादी दादी वृद्ध हो गये हैं. कई बार पिता वासुदेव के नहीं रहने पर कविता घर से भाग जाती है. इस समस्या को देखते हुए वासुदेव ने एक साल पहले काली मुंडाइन से शादी किया है. अब जब वासुदेव मजदूरी करने पलायन करता है तो घर में काली मुंडाइन ही कविता की देखरेख करती है. काली ने कहा कि वह कविता को अपनी बेटी की तरह पालती है.

परंतु कई बार वह घर से भाग जाती है. अगर प्रशासन इसका इलाज करा दें तो कविता ठीक हो सकती है. वासुदेव ने भी प्रशासन से बेटी के इलाज में मदद की गुहार लगायी है. इधर, सीडब्ल्यूसी के सदस्य डॉ अशोक मिश्रा ने बताया कि दो दिन पहले कविता घर से भटक कर सिसई थाना पहुंच गयी थी. सिसई पुलिस ने कविता को सीडब्ल्यूसी को सौंपा था. बुधवार को कविता को उसके माता पिता को सौंप दिया गया. कविता की इलाज के लिए पहल की जायेगी.

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